Khandar: अमरूद के बगीचे में पहुंचा मगरमच्छ, कड़ी मशक्कत के बाद हुआ सफल रेस्क्यू
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Khandar: अमरूद के बगीचे में पहुंचा मगरमच्छ, कड़ी मशक्कत के बाद हुआ सफल रेस्क्यू

सवाईमाधोपुर जिले के खंडार उपखंड क्षेत्र में स्थित सोनकच्छ गांव में मंगलवार को अलसुबह खेत में लगे अमरूद के बगीचे में चंबल नदी से निकलकर एक सात फीट लंबा मगरमच्छ जा पहुंचा.

अमरूद के बगीचे में पहुंचा मगरमच्छ

Khandar: राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले के खंडार उपखंड क्षेत्र में स्थित सोनकच्छ गांव में मंगलवार को अलसुबह खेत में लगे अमरूद के बगीचे में चंबल नदी से निकलकर एक सात फीट लंबा मगरमच्छ जा पहुंचा. मगरमच्छ को खेत पर बने मकान के पास देखें जाने से परिजनों की सांसे थम गई. 

दरअसल मगरमच्छ चंबल नदी क्षेत्र से निकलकर रेंगते हुए खेतों तक आ पहुंचा और वहां पर रहने वाले एक किसान परिवार की छोटी बालिका शौच के लिए बाड़े की तरफ पहुंची तो मगरमच्छ ने अचानक से बालिका पर हमले का प्रयास किया पर गनीमत रही कि बालिका मगरमच्छ के हमले में सुरक्षित बच गई और चिल्लाती हुई वापस घर की तरफ दौड़ी और परिजनों के पास पहुंचते ही बालिका बेहोश हो गई. उसके बाद परिजनों ने आस-पास तलाश किया तो उन्हें बाड़े के समीप करीब सात फिट लंबा मगरमच्छ नजर आया जिसकी सूचना ग्रामीणों ने चंबल घडियाल के कर्मचारियों को दी. 

सूचना के बाद मौके पर पहुंची राष्ट्रीय चंबल घडियाल रेस्क्यू टीम ने मगरमच्छ का कड़ी मशक्कत के बाद सफल रेस्क्यू ऑपरेशन किया और मगरमच्छ को सुरक्षित वापस चंबल नदी में छोड़ दिया. जानकारी के अनुसार सोनकच्छ गांव के समीप किसान घनश्याम माली अपने खेतों में लगे अमरूद के बगीचों में बने मकान पर परिवार के साथ रहता है. मगरमच्छ के आने से पूर्व परिवार के सभी सदस्य सो रहे थे. 

कुछ सदस्य चारपाई पर सो रहे थे तो कुछ सदस्य नीचे मकान बरामदे पर सो रहे थे और पास ही बाड़े में मवेशी भी बंधे हुए थे जब अलसुबह घर मे मौजूद बालिका बाड़े की तरफ गई तभी मगरमच्छ ने गुस्से में बालिका की तरफ झपट्टा मारने का प्रयास किया था. बालिका चिल्लाकर वापस परिजनों की तरफ दौड़ी और कुछ ही देर बाद बेहोश हो गई जब बालिका ने आंखें खोली तभी परिजनों ने बालिका से पूछताछ की लेकिन बालिका कुछ नहीं बता पाई थी. 

जिसके बाद परिजन टॉर्च लेकर बाड़े की तरफ गए तभी वहां पर सात फीट लंबा मगरमच्छ दिखाई देने से परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई. परिजनों के शोरगुल सुनकर आस-पास के लोग मौके पर पहुंचे थे. वहां का पूरा नजारा देख मौके पर पहुंचे लोगों के भी होश उड़ गए. बाड़े में मवेशियां बंधी हुई थी, बरामदे में नीचे परिजन सो रहे थे. गनीमत तो यह रही कि मगरमच्छ ने किसी पर अचानक हमला नहीं किया नहीं तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी.

चंबल घड़ियाल रेस्क्यू टीम ने किया सफल रेस्क्यू
लोगों ने बताया कि मगरमच्छ दिखाई देने के बाद राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल टीम पाली नाका को सूचना दी गई थी. ग्रामीणों की सूचना पर चंबल घड़ियाल टीम से राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल क्षेत्रीय वन अधिकारी तुलसी राम मीणा, वनपाल गंगाराम चौधरी, सहयोगी बॉर्डर होमगार्ड जवान मौके पर पहुंचे थे, जिसके बाद अमरूद के बगीचे में बने मकान के पास से सात फीट लंबे मगरमच्छ को कड़ी मशक्कत कर टीम ने रेस्क्यू किया. राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल रेस्क्यू टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित ले जाकर चंबल नदी में छोड़ दिया.

राष्ट्रीय चंबल घड़ियाल क्षेत्रीय वन अधिकारी तुलसीराम मीना ने बताया कि चंबल नदी से देर रात मगरमच्छ निकल कर सोनकच्छ गांव के पास खेत में लगे अमरूद के बगीचे में जा पहुंचा था. लोगों की सूचना पर मौके पर पहुंचे जिसके बाद मगरमच्छ का रेस्क्यू कर चंबल नदी में सुरक्षित ले जाकर छोड़ दिया गया.

Reporter: Arvind Singh

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