सुअरों में अज्ञात बीमारी के चलते सुअर एकाएक खाना पीना बंद कर रहे हैं. 12 घंटे बाद तड़प तड़प कर इसके बाद सुअरों की मौत हो जाती है.
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Bamanwas: उपखंड क्षेत्र बौंली में इन दिनों सुअरों की लगातार मौत के मामले सामने आ रहे हैं.गौवंश में फैला लंपी वायरस का दर्द मिटा भी नहीं कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर के चलते सैकड़ों सुअर अपनी जान गवा चुके हैं. स्थानीय वाल्मीकि समाज के लोगों की माने तो विगत दो माह में संक्रामक बीमारी के चलते 500 से अधिक सुअर काल के ग्रास में समा चुके हैं.
स्थानीय सुअर पालक विष्णु वाल्मीकि ने बताया कि सुअरों में अज्ञात बीमारी चल रही है.एकाएक सुअर खाना पीना बंद कर देते हैं और 12 घंटे बाद तड़प तड़प कर अपनी जान दे देते हैं.नवंबर व दिसंबर माह में लगभग 500 सुअर उपखंड क्षेत्र में मर चुके हैं.स्थानीय नगर पालिका चेयरमैन कमलेश जोशी ने बताया कि सुअरों की लगातार मौत के मामले सामने आ रहे हैं.
अफ्रिकन वायरस के चलते सुअरों की मौत हो रही है. नगर पालिका प्रशासन द्वारा मृत जानवरों को ट्रैक्टर ट्रॉली में भरकर दूरस्थ स्थानों पर जमींदोज किया जा रहा है.
वाल्मीकि समाज के लोगों में प्रकरण को लेकर प्रशासन की उदासीनता के विरुद्ध जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है. समाज के लोगों ने बताया कि 2 माह से यह अज्ञात बीमारी सुअरों में चल रही है. लेकिन पशु चिकित्सा विभाग द्वारा अब तक मृत जानवरों का पोस्टमार्टम करवा कर संकमण की पुष्टि नहीं की गई है ना ही किसी प्रकार की दवाएं या टीका प्रचलन में लाया गया है.
सुअरों की लगातार मौत के बाद स्थानीय आमजन में भी आक्रोश देखा जा रहा है. रिहायशी इलाकों में सुअरों की मौत के बाद तेज बदबू से लोग परेशान होते हैं.वहीं अन्य पशुओं व स्थानीय लोगों में भी संक्रमण का खतरा बना रहता है.
वाल्मीकि समाज के लोगों ने सुअरों की मौत पर मुआवजा देने,अज्ञात बीमारी की जांच पड़ताल करने व आवश्यक दवा या टीके को प्रचलन में लाने की मांग की है.बहरहाल रोजाना दर्जनों की तादाद में हो रही सुअरों की मौत के बाद सुअर पालकों द्वारा नगर पालिका प्रशासन के निर्देशन में मृत जानवरों का डिस्पोजल किया जा रहा है.
Reporter-Arvind Singh
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