लक्ष्मणगढ़ में जनसहयोग से लगी तीसरी आंख को पांच सालों से मोतियाबिंद, इलाज की जरूरत, पर सब हैं खामोश
सीकर के लक्ष्मणगढ़ शहर में आमजन की सुरक्षा और अपराधियों की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए जनसहयोग से लगाए गए सीसीटीवी कैमरे यानि तीसरी आंख करीब पांच साल से मोतियाबिंद से ग्रस्त है.
लक्ष्मणगढ़: सीकर शहर में सुरक्षा की दृष्टि से 2016 में निर्वतमान लक्ष्मणगढ़ पुलिस उपधीक्षक सुमित कुमार के प्रयासों से जनसहयोग से शहर के विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर लाखों रुपए की लागत से सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे, शहर में लगे करीब 33 सीसीटीवी कैमरों से पुलिस को काफी सहायता भी मिली. पुलिस को शहर में होने वाले अपराध पर काफी हद तक लगाम लगाने में सफल भी हुई. लक्ष्मणगढ़ की सामाजिक संस्था लक्ष्मणगढ़ नागरिक परिषद के सहयोग से करीब 2 लाख 80 हजार रुपए की लागत से शहर के अलग-अलग स्थानों पर करीब 8 सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे.
2016 में शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे
वहीं, लक्ष्मणगढ़ नगरपालिका प्रशासन के सहयोग से शहर के अलग अलग स्थानों पर करीब 5 लाख 11 हजार रुपए की लागत से 7 सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए थे. जो गणेशजी के मंदिर के सामने, मुरलीमनोहर मंदिर के पास, पुराना बस स्टैंड व नया बस स्टैंड पर लगवाएं गये थे. 2016 में शहर में लगे सीसीटीवी कैमरे का करीब दो साल तक सफल संचालन हुआ.
33 सीसीटीवी कैमरों ने एक के बाद एक कार्य करना बंद कर दिया.
लेकिन 2018 आयोजित हुई परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्रो पर जेंबर लगाने के कारण शहर में लगे लाखों रुपए की लागत से 33 सीसीटीवी कैमरों ने एक के बाद एक कार्य करना बंद कर दिया. हालांकि लक्ष्मणगढ़ पुलिस ने शहर में नीजी प्रतिष्ठानों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की सहायता से एटीएम लुटेरों व शहर में दिनदहाड़े ज्वेलर्स की दुकान से लुट की वारदात करने वाली ईरानी गैंग को पकड़कर सलाखों के पीछे डालने में सफलता मिली थी. लेकिन पुलिस विभाग के पास ऐसा कोई मद नहीं है, जिससे लाखों रुपए खर्च कर तीसरी आंख के मोतियाबिंद का इलाज करा सके. वहीं, नगर के सामाजिक लोगों ने भी आमजन से सहयोग की अपील की है जिससे शहर में दिनदहाड़े होने वाली घटनाओं पर लगाम लग सके.
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