एमएसएमई दिवस पर राजस्थान को मिलेगी नई नीति, उद्योग रत्न अवार्ड 2022 का होगा आयोजन
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एमएसएमई दिवस पर राजस्थान को मिलेगी नई नीति, उद्योग रत्न अवार्ड 2022 का होगा आयोजन

एमएसएमई दिवस राजस्थान में इंवेस्टमेंट समिट से पहले का सेमीफाइनल होगा. अक्टूबर में जहां लाखों करोड़ रुपए के नए निवेश को मरधरा पर उतारते हुए दर्शाने की तैयारी है, वहीं 17 सितंबर को प्रदेश में एमएसएमई से जुड़े पांच बड़े कदम उठाए जाएंगे.

प्रतीकात्मक तस्वीर.

Jaipur: देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था में एमएसएमई सेक्टर का योगदान 37 फीसदी का है, देशभर में 38 करोड़ और प्रदेश में 42 लाख लोगों को यह सेक्टर रोजगार मुहैया करवा रहा है. राजस्थान में 8 लाख 50 हजार पंजीकृत सूक्ष्म, 
छोटे और मध्यम आकार की इकाईयां कार्यरत हैं. वहीं, असंगठित क्षेत्र को मिलाकर 28 लाख एमएसएमई यूनिट्स कार्यरत हैं. राजस्थान में इस सेक्टर में 85 हजार करोड़ रुपए का निवेश अब तक हो चुका है. एमएसएमई सेक्टर विकसित हो इसके लिए प्रयास जारी हैं. प्रदेश में आगामी एमएसएमई दिवस 17 सितंबर को उद्योग विभाग राज्य स्तरीय निर्यात और उद्योग रत्न अवार्ड-2022 का आयोजन करेगा. साथ ही एमएसएमई और हैंडीक्राफ्ट नीति भी जारी की जाएगी.

इंडस्ट्री बिना पूर्व अनुमति के शुरू हो सकती हैं
एमएसएमई सेक्टर की परेशानियों और निवेशकों की समस्याओं को दूर करने के लिए उद्योग विभाग की मंत्री शकुंतला रावत पूरी टीम के साथ संभागवार दौरे कर रही है, ताकि नए निवेश को आकर्षित करने के साथ पुराने उद्यमियों की सहुलियत बढ़ाई जा सकें. राजस्थान एमएसएमई बहुल प्रदेश हैं, प्रदेश के क्राफ्ट और परम्परागत उत्पादों को वैश्विक मंच एमएसएमई के बूते ही प्रदान किया जा रहा हैं. राजस्थान सरकार भी एमएसएमई में इजाफे के लिए नीतियों और कानून में आवश्यक संसोधन कर रही हैं. उद्यमियों को बिना अनुमति उद्योग संचालन की अनुमति देने वाला पहला प्रदेश भी राजस्थान बना है. एमएसएमई पोर्टल के जरिए प्रदेश में कोई भी स्टार्टअप और इंडस्ट्री बिना पूर्व अनुमति के शुरू हो सकती हैं, साथ ही राज्य करों में रियायत का भी प्रावधान है.

नया उद्योग लगाने के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं
उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि राजस्थान में अब नया उद्योग लगाना आसान है. पहले तीन साल तक नया उद्योग लगाने के लिए सरकारी मंजूरी की जरूरत नहीं थी, अब इस समयसीमा को बढ़ाकर पांच साल करने की तैयारी है. पहले नया उद्योग लगाने के लिए कई तरह की सरकारी मंजूरियां लेनी पड़ती थी. इससे उद्यमियों का बहुत सा वक्त जाया होता था, लेकिन अब बिना किसी मंजूरी के सीधे उद्योग लगा सकते है. इससे जुड़ा एमएसएमई बिल पारित करने वाला राजस्थान अग्रणी राज्य है. राजस्थान का एमएसएमई सेक्टर नई तकनीक के साथ आगे बढ़ रहा हैं. देश और विदेशी की नामी कपंनियों के लिए प्रमुख सप्लायर की भूमिका में यह ईकाईयां हैं. राजस्थान में बनने वाली रिफाइनरी क्षेत्र में प्रस्तावित पेट्रो कैमिकल हब राजस्थान के इस सेक्टर को नई उंचाईयां देगा.

एमओयू भी किए जाएंगे
17 सितंबर को जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में होने वाले आयोजन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उद्योग मंत्री शकुंतला रावत, मुख्य सचिव उषा शर्मा, राजसिको चेयरमैन राजीव अरोड़ा सहित आला अधिकारी मौजूद रहेंगे. उद्योग आयुक्त महेंद्र पारख का कहना है कि आगामी 7 और 8 अक्टूबर को होने वाले इन्वेस्ट राजस्थान समिट में शेष रहे उद्यमियों के साथ इस दिन एमओयू भी किए जाएंगे. इसी दिन हस्तशिल्प पर आधारित कॉफी टेबल बुक का भी विमोचन किया जाएगा. मौटे तौर पर उद्योग विभाग इंवेस्टमेंट समिट से पहले की तैयारी मानकर काम कर रहा है.

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