Rajasthan news : ओवैसी के फतेहपुर पहुंने पर कार्यकर्ताओं द्वारा जोरदार स्वागत सम्मान किया. असदुद्दीन ओवैसी ने जनसभा को संबोधित करते हुए हुए कांग्रेस तथा भाजपा दोनों पर जमकर निशाना साधते हुए दोनों को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया .
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Rajasthan news: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी देर शाम फतेहपुर पहुंचे, जहां कार्यकर्ताओं द्वारा उनका जोरदार स्वागत किया गया. इस दौरान ओवैसी ने बीकानेर रोड के समीप एक निजी खेल मैदान में जनसभा को संबोधित किया. जनसभा को संबोधित करते हुए हुए ओवैसी ने कांग्रेस तथा भाजपा दोनों पर जमकर निशाना साधा और दोनों पार्टियों को एक ही सिक्के के दो पहलू बताया.
'मैं तोड़ने नही जोड़ने आया हूं'
सभा को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मेरी जनसभा के बाद कल सब यही बोलेंगे कि ओवैसी वोट काटने आया है, तोड़ने आया है लेकिन मैं आपको बता दूं कि मैं कुछ काटने नहीं आया है. मेरे जिंदगी का मकसद जोड़ना रहा है और मैं जोड़ता रहूंगा. यहां पर मैं तोड़ने नही जोड़ने आया हूं. हां, मैं उन लोगों को तोड़ने आया हूं, जो गरीब जनता के दिलों को तोड़ चुके हैं. हां, मैं उन को तोड़ने आया हूं, जिन्होंने नौजवानों के ख्वाबों को चकनाचूर किया है. मैं उन लोगों को तोड़ने आया हूं, जिन्होंने हमारे बुजुर्गो के सपनों को पूरा नहीं किया.
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जितनी गाली उतनी अच्छी नींद
ओवैसी ने आगे कहा कि मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कांग्रेस मेरे बारे में क्या कहती है. तुम मुझे जितना गाली दोगे, उतना ही मुझे रात में नींद अच्छी आती है. याद रखो कांग्रेस वालो तुम्हारे इल्जामात मेरे हौसले और जज्बे को और बढ़ाते हैं .
बकौल ओवैसी, बीजेपी को हराने की जिम्मेदारी तुम मेरे कंधे पर नहीं डाल सकते हो. अशोक गहलोत व राहुल गांधी के कारण मोदी दूसरी बार सत्ता में है, तो तुम्हारी वजह से है मेरी वजह से नहीं. इनके झूठे वादों की वजह से बीजेपी कामयाब हो जाती है.
कांग्रेस की नफरत के बाजार में प्यार की दुकान
ओवैसी ने आगे कहा कि जब से बीजेपी की देश में सरकार बनी है तब से नफरत को मनशुबंद तरीके से फैलाया गया. नफरत को इतना फैलाया गया कि जुनैद और नसिर को ले जाकर हरियाणा में जिंदा जला दिया जाता है, जब इनको जिंदा जला दिया गया तो राहुल गांधी और अशोक गहलोत नही गए. कांग्रेस वाले कहते हैं की वे नफरत के बाजार में प्यार की दुकान खोलेंगे, अगर प्यार मोहब्बत की दुकान ही खोलना था तो जाते जुनैद और नासिर के घर. हम गए थे उनके परिवार से मिलने.
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