छात्रसंघ चुनावों की गहमागहमी के बीच चुनाव तारीख आगे बढ़वाने की मांग तेज हो गई है.
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Jaipur: सियासत की पहली सीढ़ी माने जाने वाले छात्र संघ चुनावों पर दो सालों तक कोरोना का साया रहा. साल 2020 और 2021 में कोरोना के चलते प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार की ओर से छात्र संघ चुनावों पर रोक रही. तो वहीं अब हालात सामान्य होने के बाद इस साल छात्र संघ चुनाव करवाने की मांग लगातार तेज होती जा रही थी. छात्र राजनीति को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस साल छात्र संघ चुनाव करवाने के निर्देश दिए और मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उच्च शिक्षा विभाग की ओर से छात्र संघ चुनावों की तारीखों की घोषित करते हुए चुनावी कार्यक्रम जारी किया गया. जिसके तहत 26 अगस्त को मतदान और 27 अगस्त को मतगणना की तारीख तय की.
ये है चुनावी कार्यक्रम
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने तुरंत ही छात्र संघ चुनाव की तिथि जारी की. लेकिन अब ये चुनावी तारीखें कहीं ना कहीं बड़ी संख्या में छात्र मतदाताओं के लिए एक बड़ी समस्या बन चुकी है. मौजूदा वक्त में इस समय पीजी में प्रवेश प्रक्रिया का दौर जारी है. तो वहीं कई विभागों के सेमेस्टर से लेकर लॉ कॉलेज के विद्यार्थियों की परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है. जिसके चलते प्रदेश के करीब 60 फीसदी से ज्यादा छात्र मतदाताओं के मतदान प्रक्रिया से बाहर होने की समस्या खड़ी हो चुकी है.
ये छात्र मतदान प्रक्रिया से हो सकते हैं बाहर
छात्र संघ चुनावों की तिथि आगे बढ़वाने की मांग को लेकर अब प्रदेश के हर जिले में छात्र संगठन मांग करने लगे हैं. कई छात्र संगठनों ने जहां कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रशासन को ज्ञापन सौंपे गए हैं. तो वहीं कई यूनिवर्सिटीज द्वारा उच्च शिक्षा विभाग को छात्र संघ चुनाव की तारीख में बदलाव करने को लेकर भी पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन दूसरी ओर उच्च शिक्षा मंत्री राजेन्द्र यादव ने छात्र संघ चुनाव समय पर करवाने का बयान देकर छात्र संघ चुनावों को नियत तिथि पर करवाने पर मुहर लगा दी है. लिहाजा ऐसे में अब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से छात्र संघ चुनाव आगे करवाने की मांग को लेकर आंदोलन की चेतावनी दे डाली है.
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