सीकर- भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर श्रीमाधोपुर में उत्साह, गांव गांव जाकर किया जनसपंर्क
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सीकर- भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर श्रीमाधोपुर में उत्साह, गांव गांव जाकर किया जनसपंर्क

 Sikar , Srimadohpur News : भगवान परशुराम के जन्मोत्सव को लेकर विप्रजनों नेगांव गांव जाकर जनसपंर्क किया.  जन्मोत्सव में शामिल होने का  आह्वान किया. गैरतलब है कि अक्षय तृतीया 22 अप्रैल को  जन्मोत्सव मनाया जायेगा जिसमें एक दर्जन से अधिक गांवों  के शामिल होने की उम्मीद है. 

सीकर- भगवान परशुराम जन्मोत्सव पर श्रीमाधोपुर में उत्साह, गांव गांव जाकर किया जनसपंर्क

Sikar , Srimadohpur News :सीकर जिले के श्रीमाधोपुर शहर में आगामी 22 अप्रैल अक्षय तृतीया को भगवान परशुराम के जन्मोत्सव को लेकर विप्र जनों के द्वारा कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. भगवान परशुराम के जन्मोत्सव को बड़े उल्लास और उमंग के साथ मनाने को लेकर गठित कमेटियों के सदस्यों के द्वारा 1 दर्जन से अधिक गांवों का दौरा कर समाज के बंधुओं से जन्मोत्सव कार्यक्रम में अधिक से अधिक शामिल होने का आह्वान किया गया.

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वहीं कई जगह पर भगवान परशुराम जन्मोत्सव पोस्टर का विमोचन भी किया गया. जन्मोत्सव समिति के राजेंद्र शर्मा ने बताया कि इसी कड़ी में आज श्रीमाधोपुर क्षेत्र के कंचनपुर,हरदाकावाली, ढाबावाली, कोटडी, शिवराम का बास इत्यादि गांव ढाणियों में संपर्क किया गया. इन गांव ढाणियों के विप्र बन्धुओं ने विश्वास दिलाया कि उनके गांव ढाणी से अधिकाधिक संख्या में ब्राह्मण समाज के महिला, पुरुष पूर्ण उत्साह के साथ भाग लेंगे. जयपुर में ब्राह्मण महापंचायत के सफल आयोजन के बाद गांव ढाणियों के विप्र समाज के लोगों में अपूर्व उत्साह है. जनसंपर्क के दौरान ओमप्रकाश बोहरा पूर्व सरपंच,उमेश चूलेट,नृसिंह शर्मा, अवधेश शर्मा एलबीएस समेत अनेक विप्र बंधु उपस्थित थे.

कौन थे भगवान परशुराम

भगवान विष्णु के छठे आवेश अवतार परशुराम की जयंती वैशाख शुक्ल तृतीया को आती है. इस बार यह जयंती 22 अप्रैल 2023 को मनाई जाएगी. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार विष्णु के छठे 'आवेश अवतार' भगवान परशुराम का जन्म सतयुग और त्रेता के संधिकाल में 5142 वि.पू. वैशाख शुक्ल तृतीया के दिन-रात्रि के प्रथम प्रहर प्रदोष काल में हुआ था. वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पुनर्वसु नक्षत्र में रात्रि के प्रथम प्रहर में 6 उच्च के ग्रहों से युक्त मिथुन राशि पर राहु के स्थित रहते माता रेणुका के गर्भ से भृगु ऋषि के कुल में परशुराम का प्रादुर्भाव हुआ था.

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