सीकर में महिलाओं की जिंदगी संवारने में जुटा रीयल लाइफ पैडमैन, जानें अनोखी कहानी
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सीकर में महिलाओं की जिंदगी संवारने में जुटा रीयल लाइफ पैडमैन, जानें अनोखी कहानी

सेनेटरी पैड वितरण का काम करने के कारण उन्हें पैडमैन के नाम से जाना जाता है. एक बार जब किसी स्कूल में उनका जाना हुआ तो बाथरूम में उन्हें कपड़े और मिट्टी दिखाई दी इस स्थिति को देखकर जाखड़ ने 2015 में अपने एनजीओ की शुरुआत की थी. 

सीकर में महिलाओं की जिंदगी संवारने में जुटा रीयल लाइफ पैडमैन, जानें अनोखी कहानी

Sikar: राजस्थान के सीकर जिले के लोसल इलाके के चिडसरा गांव के रहने वाले मोहन राम जाखड़ अबतक 5 साल से ज्यादा समय में 4.5 लाख सेनेटरी पैड्स का वितरण कर चुके हैं.

सेनेटरी पैड वितरण का काम करने के कारण उन्हें पैडमैन के नाम से जाना जाता है. एक बार जब किसी स्कूल में उनका जाना हुआ तो बाथरूम में उन्हें कपड़े और मिट्टी दिखाई दी इस स्थिति को देखकर जाखड़ ने 2015 में अपने एनजीओ की शुरुआत की थी. 

उनके एनजीओ ने 384 बेटियों को गोद लिया है. मोहन राम जाखड़ ने बताया कि कई गांव में आज भी महिलाओं को सेनेटरी पैड्स के बारे में जानकारी नहीं है. ऐसे में हमारा मकसद यही है कि प्रत्येक महिला को सेनेटरी पैड्स के उपयोग के विषय में जानकारी हो. इस काम के लिए उन्हें भामशाहों का सहयोग मिलता है. साथ ही लोसल का किन्नर समाज भी उन्हें हर महीने 20 हजार रुपए की मदद करता है.

ग्रामीण बालिका ज्योति ने बताया कि मोहन रामगांव के लिए बहुत ही अच्छा काम कर रहे हैं. महावारी के समय सेनेटरी पैड लगाने से गंभीर बीमारियां नहीं होती है. मोहन राम की यह पहल काफी सराहनीय है, जिसकी खासी चर्चा है.

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