Anupgarh: गोवंश को बचाने के लिए गौ सेवकों ने की अनूठी पहल, छिड़काव कर दी दवाइयां
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Anupgarh: गोवंश को बचाने के लिए गौ सेवकों ने की अनूठी पहल, छिड़काव कर दी दवाइयां

श्रीगंगानगर के घड़साना में गोवंश में फैले लंपी चर्म रोग ने कोरोना की दूसरी लहर की याद ताजा कर दी हैं. गोवंश इस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ रहा है. 

गौ सेवकों ने की अनूठी पहल

Anupgarh: श्रीगंगानगर के घड़साना में गोवंश में फैले लंपी चर्म रोग ने कोरोना की दूसरी लहर की याद ताजा कर दी हैं. गोवंश इस बीमारी की चपेट में आकर दम तोड़ रहा है. 

बीमारी से पीड़ित गोवंश के उपचार की कोई कारगर दवा नहीं होने से पशुपालन विभाग भी लाचार है. वहीं दूसरी ओर गोवंश में फैली लंपी बीमारी को लेकर जहां क्षेत्र के जनप्रतिनिधि बिल्कुल मौन धारण किए हुए हैं, वहीं शहर के गौ सेवको द्वारा बेसहारा गोवंश पर लाल दवा और फिटकरी के पानी का छिड़काव कर उन्हें दवाइयां दी गई है. 

सुबह 7:00 बजे एक व्हाट्सएप मैसेज के द्वारा सैंकड़ों लोग श्री गणेश मंदिर में एकत्रित हुए जहां से अलग-अलग टीम बनाकर एरिया सौंप दिया गया, जहां दिनभर गोसेवकों ने ट्रैक्टर पर स्प्रे ड्रम रखकर स्प्रे से फिटकरी और लाल दवा के पानी का छिड़काव किया और रोटी के साथ डॉक्टरों द्वारा बताई गई मेडिसिन दी गई. 

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इस दौरान श्याम युवा मंडल समिति, नेहरू युवा केंद्र संगठन, बजरंग दल, विश्व हिंदू जय मां वैष्णो देवी चैरिटेबल ट्रस्ट, आरएसएस के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, गौ रक्षा दल ओर भारत विकास परिषद के सदस्यों ने सहयोग किया है. समाजसेवी बाबूलाल बेनीवाल द्वारा गौसेवकों के लिए खाने की व्यवस्था ओर वहीं ओम राजोरिया द्वारा नाश्ते की व्यवस्था की गई. शहर के भामाशाहों द्वारा ट्रैक्टर की सेवाएं दी गई. 

जनप्रतिनिधियों में केवल स्थानीय सरपंच ही मौजूद रहे. नेहरू युवा कलब से जितेंद्र सोनी ने बताया कि चुनावों में निकलने वाले नेता और चुनाव जितने वाले जनप्रतिनिधि इस गौ सेवा में सम्मिलित तक नहीं रहे. उनके द्वारा चुनावों में हालांकि बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं लेकिन सामाजिक सेवाओं के दौरान यहां के जनप्रतिनिधि नदारद रहते है, यहां तक की जनप्रतिनिधियों ने अब तक क्षेत्र में गोवंश के लिए दवाइयों हेतु भी प्रयत्न नहीं किया.

Reporter: Kuldeep Goyal

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