Deoli Uniyara Assembly Seat: राजस्थान की 7 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की सियासी बिसात बिछना शुरू हो गई है. जिसमें टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा सीट पर भी उपचुनाव होना है. भाजपा ने जहां पूर्व विधायक राजेंद्र गुर्जर को प्रत्याशी घोषित कर मास्टर स्ट्रोक खेल दिया है. अब कांग्रेस को अपना प्रत्याशी घोषित करना बाकी है. इधर चर्चा यह भी है कि एक बार फिर से आरएली और भारत आदिवासी पार्टी भी अपना प्रत्याशी यहां उतार सकती है.
कौन है राजेंद्र गुर्जर राजेंद्र गुर्जर का संघ परिवार से पुराना नाता है. 1974 में टोंक में जन्मे राजेन्द्र गुर्जर ने स्नातक तक शिक्षा हासिल की है. शुरू से ही उनका झुकाव आरएसएस के प्रति रहा. वह 2000 से 2005 तक गुर्जर महासभा के जिलाध्यक्ष रहे. 2006 में बीजेपी युवा मोर्चा में प्रदेश कार्यसमिति अध्यक्ष रहे. वह 2007 में युवा मोर्चा के टोंक जिलाध्यक्ष बनने के बाद 2012 से 2018 तक भगवान देवनारायण मंदिर जोधपुरिया ट्रस्ट के अध्यक्ष भी रहे.
देवली-उनियारा सीट के लिए राजेन्द्र गुर्जर 2013 में बीजेपी का कमल खिला चुके हैं. 2013 में उन्होंने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को हराया था. यहां गुर्जर, मीणा और एससी के 3 लाख 2 हजार 721 मतदाता हैं. बीजेपी प्रत्याशी राजेन्द्र गुर्जर ने कहा कि "पार्टी ने मुझे प्रत्याशी बनाकर क्षेत्र के कार्यकर्ताओं की भावनाओं का सम्मान किया है. मुझ पर जो भरोसा पार्टी ने जताया है. मैं अपनी तरफ से सेवा में कोई कसर नही छोडूंगा. हम सब मिलकर इस सीट पर बीजेपी का कमल खिलाएंगे."बाइट-01-राजेंद्र गुर्जर, भाजपा प्रत्याशी देवली-उनियारा
देवली-उनियारा सीट के सियासी समीकरणों को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष अजीत सिंह मेहता ने भी दावा करते हुए कहा है कि पिछले दो बार के चुनावों में हम यहां से हार जरूर गए थे लेकिन इस बार के चुनावों में भाजपा ऐतिहासिक वोटों से जीत हासिल करेगी. हम शक्ति केंद्रों से लेकर बूथ केंद्रों तक कार्यकर्ताओं को मुस्तैद किया है और हरियाणा में ऐतिहासिक जीत से भी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है.
2018 में चुनाव हार गए थे राजेंद्र गुर्जर
2013 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें देवली-उनियारा से चुनाव में उतारा और विजय हुए. 2018 में एक बार फिर पार्टी ने उन्हें टिकट दिया. लेकिन, वह चुनाव हार गए. इससे पहले वह विधानसभा में 2014 से 2018 तक प्रश्न वह संदर्भ समिति के सदस्य भी रहे. पिछले 27 सालों से वह आरएसएस के स्वयं सेवक हैं. 1990 से 1994 तक उन्होंने विद्यार्थी परिषद में काम किया. टोंक में गुर्जर आंदोलन का नेतृत्व किया.
राजेन्द्र गुर्जर के दो बेटे और दो बेटियां
टोंक जिला मुख्यालय पर एक साधारण से परिवार में जन्मे राजेन्द्र गुर्जर का विवाह 1994 में हुआ. उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं. सामाजिक कार्यों से जुड़ाव के साथ ही वह बॉक्सिंग और फुटबाल के शानदार खिलाड़ी रहे है.
देवली-उनियारा सीट पर कौन होगा कांग्रेस का चेहरा
वीओ- कांग्रेस ने अब तक इस सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. सचिन पायलट के गढ़ टोंक में इस सीट के लिए कांग्रेस से मुख्य रूप से नमोनारायण मीणा, रामनारायण मीणा, ओपी मीणा, हनुमंत मीणा, नरेश मीणा के साथ ही प्रह्लाद गुंजल ओर धीरज गुर्जर के नामों की चर्चा जोरों पर है. कांग्रेस जिलाध्यक्ष हरी प्रसाद बैरवा ने कहा कि टोंक, देवली-उनियारा सीट पर कांग्रेस ने लगातार जीत हासिल की है. टोंक से सचिन पायलट दो बार विधायक चुने गए है तो देवली- उनियारा से भी हरीशचंद्र मीना दो बार विधायक रहे, तीसरी बार टोंक-सवाईमाधोपुर लोकसभा सीट से सांसद निर्वाचित हुए है और इस बार भी कांग्रेस का जो भी प्रत्याशी घोषित होगा एकजुट कार्यकर्ता चुनाव लड़ेंगे और जितेंगे.
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वीओ-वहीं विधानसभा उपचुनावों को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला मजिस्ट्रेट डॉक्टर सौम्या झा ने भी तैयारियां पूरी कर ली है. देवली उनियारा विधानसभा उपचुनाव की नामांकन प्रक्रिया कल से शुरू भी हो गई है. 25 अक्टूबर तक प्रत्याशी अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे. देवली उनियारा विधानसभा सीट के लिए 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतो की गणना की जाएगी.
चुनाव नामांकन प्रक्रिया को लेकर जिला निर्वाचन विभाग और प्रशासन ने भी अपनी सभी तैयारियां पूरी कर ली है. टोंक के अतिरिक्त जिला कलेक्टर राम रतन सौंकरिया ने जानकारी देते हुए बताया की देवली उनियारा विधानसभा सीट के लिए करीब 3 लाख 2 हज़ार 721 मतदाता अपने मत का प्रयोग कर सकेंगे.मतदान के लिए विधानसभा क्षेत्र में कुल 307 पोलिंग स्टेशन्स बनाए गए हैं. सभी पोलिंग स्टेशन से लाईव वेबकास्टिंग की व्यवस्था भी की जाएगी. मतदान के दिन सुरक्षा व्यवस्था के भी पुख्ता बंदोबस्त रहेंगे.