टोंक में कड़ाके की सर्दी में टेंट लगाकर कक्षाओं में पढ़ने को मजबूर छात्र, ये है बड़ी वजह
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टोंक में कड़ाके की सर्दी में टेंट लगाकर कक्षाओं में पढ़ने को मजबूर छात्र, ये है बड़ी वजह

Malpura News: शिक्षा पर करने का दावा किया हो और हालात आज जब राजस्थान के टोंक जिले में मालपुरा से आई तस्वीरों को देख कर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान में शिक्षा के हालात बहुत खराब होंगे...

टोंक में कड़ाके की सर्दी में टेंट लगाकर कक्षाओं में पढ़ने को मजबूर छात्र, ये है बड़ी वजह

Malpura News: आजाद भारत में 70 सालों बाद भी राजस्थान में ऐसे हालातों की उम्मीद शायद किसी ने की नहीं होगी. जब प्रदेश से लेकर देश की सरकारों ने अपनी योजनाओं में सबसे ज्यादा फोकस शिक्षा पर करने का दावा किया हो और हालात आज जब राजस्थान के टोंक जिले में मालपुरा से आई तस्वीरों को देख कर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजस्थान में शिक्षा के हालात बहुत खराब होंगे. यह जो तस्वीरें हैं दरअसल यह टोंक जिले में मालपुरा के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की हैं, जहां बालिकाओं को खुले आसमान के नीचे बैठकर अध्ययन करना पड़ रहा है. 

साथ ही हद तो तब हो गई जब कड़ाके की सर्दी में टेंट लगाकर कक्षाओं में पढ़ने को मजबूर हैं. लगभग 500 बालिकाओं के लिए इस विद्यालय में अध्ययन के लिए वर्तमान समय में मात्र चार कक्षा कक्ष है, जबकि कक्षा 1 से 12 तक के लिए लगभग 20 कमरों की आवश्यकता है. इसका मुख्य कारण यह है कि विद्यालय में पूर्व में 18 कमरे बने हुए थे, लेकिन उनमें से 9 कमरों को नकारा घोषित करने के बाद विद्यालय प्रशासन की ओर से जमींदोज कर दिया गया. वहीं पांच कमरों में मरम्मत का कार्य चल रहा है, जिसके चलते मात्र चार कमरों में ही अध्ययन का कार्य संभव होने के चलते वर्तमान में विद्यालय में बालिकाओं को खुले आसमान के नीचे अध्ययन करवाया जा रहा है. विद्यालय में टेंट लगाकर बालिकाओं को अध्ययन करवाना विद्यालय प्रशासन की मजबूरी बनी हुई है.

साथ ही खुले आसमान के नीचे विद्यालय में अध्ययन करना बालिकाओं के लिए जहां एक तरफ समस्या बनी हुई है. वहीं अध्ययन कार्य भी प्रभावित हो रहा है ? टेंट लगाकर कक्षाएं लेने से जहां शिक्षकों की भी पढ़ाने में रुचि नहीं बन पा रही है. वहीं बालिकाओं को भी अध्ययन का विशेष लाभ नहीं मिल पा रहा है. विद्यालय प्रशासन की ओर से उच्चाधिकारियों के निर्देश पर 9 कमरों का जमींदोज कर दिया, लेकिन उनकी जगह नवीन कमरे बनाने के लिए अभी तक विभागीय स्तर पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं की गई. राज्य सरकार की किसी भी योजना से अभी तक विद्यालय में कमरों के नवीन निर्माण के लिए कोई योजना पास नहीं हुई है. दो माह पूर्व ही कमरों को जमींदोज कर देने और पांच कमरों में मरम्मत का कार्य चलने और नवीन कमरों की निर्माण की स्वीकृति के लिए किसी प्रकार की योजना विद्यालय में नहीं आने से बालिकाओं का भविष्य कैसे सुधरेगा ? यह एक सवालिया निशान बना हुआ है ? गत दिनों पुलिस महानिरीक्षक आरएसी किशन सहाय जब विद्यालय पहुंचे तो बालिकाओं ने उनको भी इस समस्या से अवगत कराया था इस पर किशन सहाय ने मामले की गंभीरता को लेकर मामले से उच्चाधिकारियों को अवगत करवाने का आश्वासन दिया था, लेकिन आज दिन तक किसी भी प्रकार की योजना विद्यालय में नहीं आने से विद्यालय में नवीन कमरे बनने का मामला अटका हुआ है. 

इस संबंध में विद्यालय की प्रधानाचार्य अनुपम कालरा ने बताया कि कमरे नकारा होने से 9 कमरों को 2 माह पूर्व उच्च अधिकारियों के आदेशों पर जमींदोज किया गया था. नवीन कमरे बनाने का अभी तक उनके पास कोई योजना नहीं आई है. उनके द्वारा उच्चाधिकारियों को नवीन कमरे बनवाने के लिए मांग पत्र भिजवाया जा चुका है. अल्पसंख्यक विभाग की ओर से भी योजना आई है उसमें भी विद्यालय से प्रस्ताव बनाकर भेजा हुआ है, लेकिन अभी तक किसी भी विभाग से कोई भी पत्र विद्यालय को प्राप्त नहीं हुआ है. ऐसे में बालिकाओं को खुले आसमान के नीचे अध्ययन करवाना हमारी मजबूरी है. विद्यालय स्तर पर टेंट लगवा कर कक्षा कक्ष बनवाए गए हैं, जिससे बालिकाओं का अध्ययन कार्य सुचारू रूप से चल सके.

पानी के टैंक से हो रही परेशानियां 
बता दें कि राजस्थान सरकार की ओर से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के तहत विद्यालय में बरसात के पानी को इकट्ठा करने और बालिकाओं के पेयजल की सुलभता के लिए वाटर टैंक बनाए गए, लेकिन टैंक सतह से नीचे होने से वाटर टैंक अनुपयोगी साबित हो रहे हैं और वाटर टैंक में हमेशा पानी भरे रहने से उनसे होने वाले पानी के रिसाव से भी विद्यालय के कमरे क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी गिर्राज प्रसाद गुप्ता ने बताया कि पीएम श्री योजना चल रही है. उसमें प्रत्येक ब्लॉक से विद्यालयों का चयन होगा, जिनमें लगभग 2 करोड रुपए के विकास कार्य होंगे. सर्वाधिक नामांकन वाले विद्यालयों के नाम भेजे गए हैं. बालिका विद्यालय में नवीन कमरों और अतिरिक्त कक्षा-कक्ष के लिए विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं. सांसद और विधायक कोष सहित भामाशाहों से भी लगातार संपर्क किया जा रहा है.

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