बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलेक्टर ने बनाई ये रणनीति
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बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलेक्टर ने बनाई ये रणनीति

आगामी अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा और अन्य अबूझ सावों के मुहूर्त में उदयपुर जिले में बाल विवाह को रोकने के लिए जिला प्रशासन एक्टिव मोड पर आ गया है. जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने मंगलवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं.

बाल विवाह की रोकथाम के लिए कलेक्टर ने बनाई ये रणनीति

Udaipur: आगामी अक्षय तृतीया, पीपल पूर्णिमा और अन्य अबूझ सावों के मुहूर्त में उदयपुर जिले में बाल विवाह को रोकने के लिए जिला प्रशासन एक्टिव मोड पर आ गया है. जिला कलक्टर ताराचंद मीणा ने मंगलवार को विभिन्न विभागों के अधिकारियों की बैठक ली और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये हैं. उन्होंने सभी को सतर्क रहते हुए इस संबंध में सूचना मिलते ही त्वरित कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं.

बाल विवाह रोकने सतर्क होगी फील्ड मशीनरी
कलेक्टर ने कहा कि बाल विवाह को समय से पूर्व रोकने के लिए फिल्ड में कार्यरत अधिकारी-कार्मिकों को मुस्तैद और सतर्क रहने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग, महिला अधिकारिता एवं अन्य संबंधित विभागों के कार्मिकों की भूमिका अहम है. ऐसे में वे अपने-अपने क्षेत्र पर नजर रखें. कहीं पर भी बाल विवाह हो तो तत्काल उच्चाधिकारियों को सूचित करें.

2 साल की जेल या 1 लाख जुर्माना अथवा दोनों ही
कलेक्टर मीणा ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह में भाग लेने अथवा सहयोग करने वालों के लिए 2 साल की जेल या 1 लाख रुपया जुर्माना अथवा दोनों की सजा एक साथ दिए जाने का प्रावधान है.

24 अप्रेल को विशेष ग्राम सभाएं
कलेक्टर मीणा ने जिले में 24 अप्रेल को विशेष ग्राम सभाएं आयोजित करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि इन ग्राम सभाओं के माध्यम से गांव-गांव, ढाणी-ढाणी तक यह संदेश जाना चाहिए कि बाल विवाह एक अपराध है और इसमें लिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने ग्राम पंचायत स्तर के विभागीय कार्मिकों को इसके लिए प्रभावी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए.

सुरक्षा सखियों को सतर्क करने के निर्देश
कलेक्टर मीणा ने पुलिस विभाग को सुरक्षा सखियों को भी सतर्क करने के निर्देश दिये. उन्होंने पुलिस उपाधीक्षक चेतना भाटी को कहा कि विभाग सुरक्षा सखियों के साथ ही ग्राम रक्षा दल व पुलिस मित्रों के साथ संवाद कर बाल विवाह की रोकथाम के लिए प्रयास करें.

गठित हो सतर्कता दल व नियंत्रण कक्ष
कलेक्टर ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिला, ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर बैठक आयोजित करने, सतर्कता दल गठित करने एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित करने संबंधी निर्देश दिए. उन्होंने ग्राम स्तर पर ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी हल्का, बीट कॉनिस्टेबल, आशा सहयोगिनी या आंगनबाड़ी कार्यकर्ता आदि के माध्यम से लोगों को जागरूकता लाने, बाल विवाह अधिनियम के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने एवं सूचना मिलते ही उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए.

बाल विवाह में लिप्त हर व्यक्ति पर होगी कार्यवाही
कलेक्टर ने बाल विवाह में सम्मिलित हर व्यक्ति पर सख्त विधिक कार्यवाही करने के निर्देश दिए. उन्होंने बताया कि बैंड बाजे वाले, हलवाई, पंडित, बाराती पंडाल, टेन्ट ऑनर, ट्रांसपोर्ट्स, प्रिंटिंग प्रेस मालिक आदि भी यदि बाल विवाह में लिप्त पाए जावे तो उनके विरूद्ध भी नियमानुसार कार्यवाही की जावे. उन्होंने ग्रामसभाओं, सामूहिक कार्यक्रम आदि के माध्यम से जनजागरूकता के साथ विवाह के लिए छपने वाले निमंत्रण पत्र में वर-वधू के आयु के प्रमाण पत्र प्रेस द्वारा पहले प्राप्त करने जैसी व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया.

नियंत्रण कक्षों पर दें बाल विवाह की सूचना
कलेक्टर ने जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए सभी उदयपुरवासियों को भी अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया है. उन्होंने आज की युवा पीढ़ी के भविष्य को देखते हुए सभी लोगों को जागरूक रहकर इस सामाजिक बुराई को रोकने में अपेक्षित सहयोग प्रदान करने की बात कही है. कलेक्टर ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति को बाल विवाह संबंधित सूचना मिले तो वो स्थानीय प्रशासन के साथ जिला नियंत्रण कक्ष 0294-2414620 व 0294-2414140, चाईल्ड हेल्पलाइन 1098, पुलिस नियंत्रण कक्ष के नंबर 100 पर अवगत कराये और अपना सामाजिक दायित्व निभाते हुए इस कुरीति को रोकने में भागीदार बनें.

बैठक में जिला परिषद सीईओ मयंक मनीष, पुलिस उपाधीक्षक चेतना भाटी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष धु्रव कुमार कविया, बाल अधिकारिता की उपनिदेशक मीना शर्मा, महिला एवं बाल विकास उपनिदेशक पंकज कुमार द्विवेदी, महिला अधिकारिता उपनिदेशक संजय जोशी, चाइल्ड लाइन के नवनीत औदिच्य, सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे. 

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