राजस्थान में निकली अनोखी बारात, दूल्हे के घरवालों के फैसले से चौंक गए लोग
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राजस्थान में निकली अनोखी बारात, दूल्हे के घरवालों के फैसले से चौंक गए लोग

इस अनोखी बारात ने कलिंजरा से बागीदौरा तक तकबरीन 8 किमी का सफर कई घंटों में पूरा किया

अनोखी बारात में 15 ऊंटगाड़ी थी, वहीं 20 से अधिक बैलगाड़ी थी जिसमें बैठकर बारातियों ने बारात निकाली

बांसवाड़ा (अजय ओझा): राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के कलिंजरा गांव में वर्षों पुरानी परंपरा जीवंत हो चली. जहां एक परिवार ने बेटे की शादी रचाने में अनूठी परंपरा को निभाया. दरअसल, यह बारात आम बारातों की तरह कार में नहीं गई थी और न ही विशिष्ट बारातों की तरह घोड़ा-गाड़ियों या अतिविशिष्ट दर्जे की तरह हेलिकॉप्टर में. बल्कि, यहां दूल्हे राहुल सोनी और परिजनों ने प्रदूषण को रोकने और भूली बिसरी परंपरा को जीवंत रखने के लिए बैलगाड़ी, घोड़ा गाड़ी और ऊंट गाड़ी पर बारात निकाली. इस बारात को जिसने भी देखा वह देखता ही रह गया. यही नहीं इस शादी के बाद ऐसी ही एक बारात उदयपुर में भी निकली.

कई घंटों में पूरा किया 8 किमी. का सफर
जानकारी के मुताबिक इस अनोखी बारात ने कलिंजरा से बागीदौरा तक तकबरीन 8 किमी. का सफर कई घंटों में पूरा किया. कई वर्षों बाद ऐसी परंपरा को देख इस प्रकार की बारात को लोगों के लिए कौतूहल का विषय बनी रही. बारात जिस गांव, जिस मोहल्ले से निकली लोग बारात को आश्चर्य से देखते रह गए. बैलगाड़ी, ऊंट गाड़ी से निकली बारात ने लोगों को आश्चर्य में डाल दिया.

प्रदूषण रोकने की अपील
दूल्हे के पिता ने जी मीडिया को बताया कि यह नवाचार युवाओं में प्रदूषण रोकने और विलुप्त हो रही परंपरा को फिर से जीवित करने के लिए है. उन्होंने बताया कि बारात सुबह साढ़े आठ बजे निवास स्थान से निकली और नगर भ्रमण के बाद उसका पहला पड़ाव क्षत्रिय घाटी पर हुआ. जहां विवाह की रस्म की अदायगी हुई. बताया जा रहा है कि इस अनोखी बारात में 15 ऊंटगाड़ी थी, वहीं 20 से अधिक बैलगाड़ी थी जिसमें बैठकर बारातियों ने बारात निकाली.

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उदयपुर: मावली में निकली अनोखी बारात
राजस्थान के उदयपुर जिले में मावली कस्बे के गारियावास में शादी समारोह की अनोखी बारात निकाली गई. इस अनोखी बारात में बाराती 35 बैलगाड़ियों में सवार होकर गुजरे. परिवार के सदस्य तरूण जाट ने बताया कि यह अनोखी बारात गारियावास निवासी मावली पूर्व सरपंच मोहनलाल जाट के पुत्र कैलाश जाट एवं सालेरा खूर्द निवासी प्रेमशंकर जाट की पुत्री खुशबु जाट के विवाह के अवसर पर निकाली गई. यह बारात कस्बे के गारियावास से प्रारंभ हुई. जो मावली-नाथद्वारा नेशनल हाईवे 162 ई से होते हुए सालेरा खूर्द गांव पहुंचकर संपन्न हुई.

महिलाओं ने गाए मंगल गीत पुरुषों ने किया डांस
अनोखी बारात में बैलगाड़ियों एवं बैलों की आकर्षक सजावट की गई थी. साथ ही बैलों के गले में बंधी घण्टियां अपना अलग ही राग अलाप रही थीं. अनोखी बारात में सैकड़ों की संख्या में शामिल हुए बाराती बैलगाड़ियों पर ही नाचते गाते जोश से चल रहे थे. वहीं दूसरी ओर बारात में शामिल महिलाएं मांगलिक गीत गाती हुई बैलगाड़ियों पर चल रही थीं. इस अनोखी बारात में पूर्व विधायक पुष्कर लाल डांगी सहित कई बड़ी हस्तियों ने भी भाग लिया. सालेरा खूर्द गांव पहुंचते ही वहां भी सैकड़ों ग्रामीणों की भीड़ इसे देखने के लिए उमड़ पड़ी. कस्बे के गारियावास से बैलगाड़ियों पर निकली अनोखी बारात आकर्षण का केन्द्र रही. इस दौरान घरों से पुरूष, महिलाएं और बच्चे तक बारात को देखने के लिए घरों से बाहर निकले और अनोखी बारात के रेले का लुत्फ उठाया.

यह दिया संदेश
तरूण जाट बताते हैं कि अनोखी बारात में सभी वाहनों एवं संसाधनों के उपलब्ध होने के बावजूद हमने बैलगाड़ियों पर बारात निकालना चुना. बारात में वाहनों के उपयोग से इनसे निकलने वाले धुंएं से वायु प्रदूषण होता है. जिसके नियंत्रण के लिए परिवार द्वारा बैलगाड़ियों से बारात निकालने का निर्णय लिया गया. इसके साथ ही बारात में डीजे और ढोल नगाड़ों का भी इस्तेमाल नहीं किया गया. बारात में पूरी तरह से ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम का प्रयास किया गया. इस अनोखी बारात के जरिए पारंररिक साधनों जैसे बैल गाड़ी का प्रयोग करने पर जोर दिया गया और बाहरी आडंबरों से दूर रह अधिक व्यय से बचने का संदेश दिया गया.

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