Udaipur news: उदयपुर के हिरणमगरी सेक्टर 5 स्थित परमात्मा गर्ल्स हॉस्टल में घुसे पैंथर को रेस्क्यू करने में वन विभाग की टीम को सफलता मिल गई. पैंथर को रेस्क्यू करने के लिए करीब 6 से 7 घंटे का समय लगा.
Trending Photos
Udaipur news: उदयपुर के हिरणमगरी सेक्टर 5 स्थित परमात्मा गर्ल्स हॉस्टल में घुसे पैंथर को रेस्क्यू करने में वन विभाग की टीम को सफलता मिल गई. पैंथर को रेस्क्यू करने के लिए करीब 6 से 7 घंटे का समय लगा. इस दौरान वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ हिरणमगरी थाना पुलिस का जाब्ता भी मौके पर मौजूद रहा.
सुरक्षित जंगल में छोड़ा
हॉस्टल में पैंथर के होने की सूचना के बाद से ही बाहर बड़ी संख्या में क्षेत्रवासियों का जमावड़ा लग गया. जो रेस्क्यू पूरा होने तक लग रहा. जहां उसके स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया। इसके बाद उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा जाएगा. हॉस्टल संचालक रजत ने बताया कि करीब 11:30 बजे हॉस्टल के कर्मचारियों पर पैंथर ने अटैक करने का प्रयास किया. हालांकि इस अटैक में वह बच गया और अपने आप को उसने कमरे में बंद कर दिया.
हॉस्टल के तीसरी मंजिल
इसकी सूचना कर्मचारियों ने रजत को दी. इसके बाद रजत ने अपने मोबाइल में सीसीटीवी फुटेज चेक किया जिसमें पैंथर नजर आया. इस पर हिरणमगरी थाना पुलिस के साथ वन विभाग की टीम को सूचना दी गई. कुछ देर में पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई. लेकिन पैंथर तक पहुंचने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. पैंथर हॉस्टल के तीसरी मंजिल के एक कमरे में जाकर दुबककर बैठ गया.
फर्नीचर लगाकर किया ब्लॉक
पैंथर को रेस्क्यू करने के लिए पहले वन विभाग की टीम ने पहले पूरे एरिया को अलमारी और अन्य फर्नीचर लगाकर ब्लॉक कर दिया. इसके बाद दरवाजे को काटकर पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास किया. लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली. इसके बाद दीवार में होल करके कर पैंथर को ट्रेंकुलाइज करने की कोशिश की, उसमें भी सफलता नहीं मिली. इस पर विभाग की टीम ने पारंपरिक संसाधनों का उपयोग कर पैंथर को मूवमेंट करवाया और मौका मिलते ही विभाग के शूटर ने पैंथर को ट्रेंकुलाइज कर दिया.
किसी पर हमला नहीं किया
पैंथर के ट्रेंकुलाइज होने के बाद हॉस्टल की छात्राओं ने भी रात की सांस ली गनीमत रही कि इस दौरान पेंशन ने किसी पर हमला नहीं किया. हालांकि अधिकांश छात्राएं पहले ही अपने कॉलेज के लिए हॉस्टल से बाहर निकल गई थी और जो कुछ छात्राएं हॉस्टल के अंदर थी उन्होंने समय रहते अपने आप को कमरे के अंदर कैद कर दिया.
यह भी पढ़ें: कलेक्टर ने किया जिला चिकित्सालय का आकस्मिक निरीक्षण