Valentine Day 2023 Special: राजस्थान की वो रानी, जिसने पति प्रेम के साथ सिखाई वतन से मोहब्बत,, पलभर में दे दी जान
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Valentine Day 2023 Special: राजस्थान की वो रानी, जिसने पति प्रेम के साथ सिखाई वतन से मोहब्बत,, पलभर में दे दी जान

Rajasthani Love Story: राजस्थान की ये लव स्टोरी राजा, रानी और वतन की मोहब्बत की एक मिसाल है. यह कहानी 16वीं शताब्दी की है. वेलेंटाइन डे के दिन पढ़े राजस्थान की ये अनोखी प्रेम कहानी... 

 

Valentine Day 2023 Special: राजस्थान की वो रानी, जिसने पति प्रेम के साथ सिखाई वतन से मोहब्बत,, पलभर में दे दी जान

Rajasthani Love Story: आज 14 फरवरी है और पूरी दुनिया में वेलेंटाइन डे मना रहा है. आज हम आपको इस वेलेंटाइन वीक के आखिरी दिन राजस्थान के एक ऐसी राजा-रानी की कहानी सुनाने जा रहे है, जिसमें रानी ने पति प्रेम के साथ वतन से मोहब्बत के लिए अपना सिर काटकर रख दिया था. ये लव स्टोरी थोड़ी अलग है. पढ़िए ये हटके लव स्टोरी... 

ये प्रेम कहानी राजा राव रतन सिंह, हाड़ी रानी और वतन की मोहब्बत, की एक मिसाल है. इस कहानी में हाड़ी रानी की वीरता और बलिदान की कहानी आज में राजस्थान की मिट्टी में गूंजती रहती है. 

राजस्थान की अनोखी लव स्टोरी 
राजस्थान की यह कहानी 16वीं शताब्दी की है, जब मेवाड़ के राजा राज सिंह थे, जिनके सामंत सलुंबर के राव चुंडावत रतन सिंह थे. रतन सिंह का विवाह हाड़ा राजपूत सरदार की लाड़ली हाड़ी से हुआ था. इनकी शादी को कुछ ही दिन हुए थे कि चुंडावत रतन सिंह को राजा राज सिंह का संदेश मिला, जिसमें रतन सिंह को दिल्ली से ओरंगजेब की मदद के लिए आ रही आ रही सेना का निर्देश था. 

रतन सिंह अपनी रानी हाड़ी से करते थे बहुत प्यार 
इधर, हाड़ी रानी की मेंहदी का रंग सूखा भी नहीं था कि राजा रतन सिंह को युद्ध पर जाने का फरमान आ गया था. वहीं, राजा ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी करने के लिए कह दिया, लेकिन राजा रतन सिंह अपनी रानी हाड़ी से इतना प्यार करते थे कि उन्हे एक पल भी उनसे दूर रहना गंवारा नहीं था. जब इस बात का पता रानी हाड़ी को पता चला तो उन्होंने अपने पति राजा राव रतन सिंह को युद्ध पर जाने के लिए तैयार किया और विजय होकर आने के लिए कहते हुए विदाई दी. 

राजा ने भेजा रानी के लिए संदेश 
राजा रतन सिंह इसके बाद महल से निकल तो गए, लेकिन उनका सारा ध्यान अभी भी रानी की तरफ ही था. वहीं, उन्होंने अपने एक सैनिक को रानी हाड़ी के पास भेजा और रानी का संदेश लाने के लिए कहा. सैनिक ने राजा का संदेश रानी तक पहुंचाया और रानी ने इसके बाद सैनिको को राजा के पास अपना संदेश देकर वापस भेज दिया. इसके बाद भी राजा का मन नहीं लगा और उसने सैनिक को रानी के पास वापस भेजा. इसके चलते इस बार रानी संदेश पढ़कर सोच में डूब गई और मन ही मन में सोचने लगी कि अगर राजा का सारा ध्यान मेरे पास लगा रहेगा, तो वह युद्ध कैसे जीत सकेंगे. 

रानी ने युद्ध में राजा के पास भेजी अपनी आखिरी निशानी 
वहीं, फिर रानी ने सैनिक को कहा कि इस बार मैं तुमको संदेश के साथ-साथ अपनी एक आखिरी निशानी भी दे रही हूं. इसे राजा राव चुण्डावत रतन सिंह को दे देना. इसके बाद रानी हाड़ी ने अपना सिर खुद काटकर सैनिक के हाथों राजा के पास भेज दिया. इसके बाद सैनिक वापस गया और राजा को रानी का संदेश के साथ उसकी निशानी दे दी. जिसे देख राजा के मुख से केवल यही निकला कि तुमने ये क्या कर डाला. वहीं, राजा युद्ध में शत्रुओं पर काल के समान टूट पड़ा. राजा अंत तक लड़ता रहा और जीत गया. 

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