जालोर : फिल्म थ्री ईडिएट्स का करेक्टर फुंसुक वांगड़ू आपको याद ही होगा.. फुंसुक के लिए सीखने सिखाने का कोई बैरियर नहीं था.. ज्ञान कहीं भी मिले.. किसी से भी.. कैसे भी रूप में.. ज्ञान को अर्जित कर लेने की फुंसुक वांगड़ू की फिलॉसफी.. जालोर के टीचर संदीप जोशी पर बिल्कुल सटीक बैठती है.. उनके नवाचार को देशभर के तमाम राज्य अपना रहे हैं..