Ranbir Kapoor and Nikhil Kamath: रणबीर कपूर ने शो के होस्ट निखिल कामथ से पूछा कि आप बताइए कि पीएम मोदी के साथ आपका कैसा रिश्ता है? क्या आप कभी भी उनसे फोन उठाकर बात कर सकते हैं?
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पीएम नरेंद्र मोदी करिश्माई वक्ता हैं. उनके व्यक्तित्व में चुंबकीय आकर्षण है. ये बातें बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर ने जीरोधा (Zerodha) के सह-संस्थापक निखिल कामथ के साथ उनके ''पीपल बाय डब्ल्यूटीएफ'' पॉडकास्ट पर बातचीत के दौरान कही. रणबीर ने कहा, ‘‘जब मैं चार-पांच साल पहले कई अन्य युवा एक्टर्स और निर्देशकों के साथ पहली बार प्रधानमंत्री से मिलने गया था...मुझे वह क्षण याद है जब हम बैठे थे और वह अंदर आए... उनका व्यक्तित्व बेहद आकर्षक है.’’
रणबीर ने कहा, ‘‘मेरे पिता उस समय इलाज करवा रहे थे. उन्होंने पूछा कि इलाज कैसा चल रहा है.... उन्होंने आलिया से किसी और चीज़ के बारे में बात की, विक्की कौशल से किसी और चीज़ के बारे में, करण जौहर से किसी और चीज़ के बारे में. सब कुछ बहुत ही निजी था.’’
रणबीर 2019 में प्रधानमंत्री मोदी से मिलने वाले फिल्म जगत की हस्तियों के एक प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे और इसमें रणवीर सिंह, भूमि पेडनेकर, आयुष्मान खुराना, सिद्धार्थ मल्होत्रा, एकता कपूर, राजकुमार राव, वरुण धवन, अश्विनी अय्यर तिवारी और रोहित शेट्टी भी शामिल थे.
निखिल कामथ ने बताया अपना किस्सा
पॉडकॉस्ट के दौरान रणबीर कपूर ने शो के होस्ट निखिल कामथ से पूछा कि आप बताइए कि पीएम मोदी के साथ आपका कैसा रिश्ता है? क्या आप कभी भी उनसे फोन उठाकर बात कर सकते हैं? इस पर कामथ ने जवाब देते हुए कहा कि ऐसा नहीं है. पीएम मोदी के साथ कई आयोजनों में रहा हूं इसलिए उनके बारे में कुछ बता सकता हूं. कामथ ने कहा कि पीएम मोदी की ऊर्जा और उम्र से बहुत कुछ सीखा जा सकता है.
उन्होंने एक किस्सा सुनाते हुए कहा कि एक बार हम सब यूएस में थे. वाशिंगटन में हम तीन-चार लोग थे. वहां पीएम सुबह आठ बजे अमेरिकी बिजनेस डेलीगेशन के साथ मीटिंग कर रहे होते थे. उसके बाद 11 बजे हम लोगों से मुलाकात कर होते थे. दोपहर में एक से दो बजे वहां के उपराष्ट्रपति और ऐसे ही अन्य लोगों से मिलते थे. शाम चार बजे उनकी कोई और मीटिंग थी, सात बजे कुछ और कर होते थे और रात 11 बजे भी कोई न कोई मीटिंग अटेंड कर रहे होते थे. ये सब मीटिंग वो एक साथ एक ही स्पिरिट में बिना थके करते थे जबकि हम जैसे लोग रात आठ बजे तक थककर चूर हो जाते थे. ये कुछ ऐसा था कि वहां से लौटने के बाद दो दिनों तक मैं थकान और बीमार महसूस कर रहा था लेकिन इस बीच पीएम मोदी इसी तरह के रूटीन के साथ बिना थके मिस्र की यात्रा पर चले गए.
कामथ ने कहा कि वैसे तो हर आदमी से कुछ सीखा जा सकता है लेकिन पीएम मोदी से पक्के तौर पर उनकी उम्र के लिहाज से ऊर्जा को देखते हुए बहुत कुछ सीखा जा सकता है.