दत्तात्रेय होसबोले को तीन वर्षों के लिए सर्वसम्मति से चुना गया है और अब वह संघ में नंबर दो के ओहदे पर पहुंच गए हैं.
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बेंगलुरु: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की निर्णय लेने वाली सर्वोच्च इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक में दत्तात्रेय होसबोले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सरकार्यवाह चुना गया है. दत्तात्रेय होसबोले, भैय्याजी जोशी की जगह लेंगे. 73 वर्षीय जोशी तीन-तीन वर्षों के लिए चार बार सरकार्यवाह रहे. वहीं होसबोले 2009 से संघ के सह सरकार्यवाह थे.
चुनाव अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की दो दिवसीय वार्षिक बैठक में हुआ जो संघ की सर्वोच्च नीति निर्णायक इकाई है. यह बैठक बेंगलुरु में शुक्रवार को शुरू हुई.
आरएसएस ने ट्वीट किया, ‘बेंगलुरु: आरएसएस की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) ने श्री दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह चुन लिया. वह 2009 से ही आरएसएस के सह- सरकार्यवाह थे’
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आरएएसस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने कहा कि भैय्याजी जोशी ने इच्छा प्रकट की थी कि वह 12 सालों से इस दायित्व को संभाल रहे हैं और अब ये जिम्मेदारी किसी युवा को दी जानी चाहिए. दत्तात्रेय होसबोले को तीन वर्षों के लिए सर्वसम्मति से चुना गया है और अब वह संघ में नंबर दो के ओहदे पर पहुंच गए हैं.
अरुण कुमार ने कहा कि भैय्याजी जोशी ने दायित्व मुक्त करने को कहा था, जिसके बाद दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह चुना गया. उन्होंने उम्र की वजह से ये निर्णय किया है. हालांकि उनका स्वास्थ्य बिल्कुल ठीक है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन दत्तात्रेय होसबोले को सरकार्यवाह चुना गया. 66 वर्षीय होसबोले कर्नाटक के शिवमोगा जिले से आते हैं. वह साल 1968 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े थे. आपातकाल के समय दत्तात्रेय होसबोले ने गिरफ्तारी भी दी. असम में यूथ डेवलपमेंट सेंटर को विकसित करने में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
दत्तात्रेय होसबोलेअंग्रेजी साहित्य में परास्नातक हैं. शुरू में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के साथ जुड़े जो आरएसएस की छात्र शाखा है।
बता दें कि एबीपीएस की वार्षिक बैठक अलग-अलग स्थानों पर होती है लेकिन हर तीसरे वर्ष यह नागपुर स्थित आरएसएस के मुख्यालय में होती है जहां सरकार्यवाह का चुनाव होता है. बहरहाल, महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस वर्ष इसे बेंगलुरुु स्थानांतरित कर दिया गया.