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नई दिल्ली: रूस ने भारत को 70 हजार एके-203 असॉल्ट राइफल सौंप दी हैं. भारत और रूस के बीच राइफलों का करार हुआ था. इस सप्ताह की शुरुआत में ही भारत को सभी कलाश्निकोव असॉल्ट राइफलों को डिलीवरी कर दी गई थी. जानकारी के मुताबिक काफी तेज गति से इन राइफलों की डिलीवरी हुई है और एकदम तैयार राइफलें भारत आ चुकी हैं.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करार और डिलीवरी के बीच काफी कम वक्त लगा और राइफलें भारत को सुपुर्द की जा चुकी हैं. भारत ने बीते साल तत्काल जरूरत के हिसाब से 70 हजार एके-203 राइफलों की खरीद की डील की थी. इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे पर छह लाख एके-203 राइफलों की एक डील भी फाइनल हुई थी. ये सभी राइफलें भारत में तैयार होंगी. कुल मिलाकर 6.7 लाख राइफलों का सौदा हुआ है जिनमें से 70 हजार की डिलीवरी हो चुकी है.
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भारत और रूस के बीच पहली 2+2 वार्ता में विदेश और रक्षा मंत्रियों ने बैठक की थी और तब राष्ट्रपति पुतिन का भारत दौरा भी हुआ था. इस पूरी डील की कुल लागत पांच हजार करोड़ बताई जा रही है. भारत में मेक इन इंडिया के तहत अमेठी के कारखाने में बाकी राइफलों को तैयार किया जाएगा.
एके-203 असॉल्ट राइफल करीब 30 साल पुरानी इंसास राइफलों की जगह लेगी. एके-203 7.62 X 39 मिलीमीटर कैलिबर गन है और यह असॉल्ट राइफल्स 300 मीटर की रेंज, हल्के वजन, मजबूत और बेहतरीन टेक्नोलॉजी से लैस है. आधुनिक असॉल्ट राइफल्स का इस्तेमाल ज्यादा आसान है.
हाईटेक राइफल मौजूदा और भविष्य की चुनौतियों का आसानी से सामना करने में सक्षम हैं. साथ ही सेनाओं की युद्ध क्षमता को भी इससे बढ़ावा मिलेगा. सुरक्षाबलों को इन राइफल्स से उग्रवाद और आतंकवाद के खिलाफ अपनी मुहिम को मजबूत करने में मदद भी मिलने वाली है.
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