VIDEO: 140 करोड़ लोगों में केवल एक जयशंकर कैसे चलेगा? मुस्कुराते हुए विदेश मंत्री ने कही धारदार बात
Advertisement
trendingNow12491445

VIDEO: 140 करोड़ लोगों में केवल एक जयशंकर कैसे चलेगा? मुस्कुराते हुए विदेश मंत्री ने कही धारदार बात

S Jaishankar News: पुणे के एक इवेंट में विदेश मंत्री एस जयशंकर से एक सवाल हुआ, '140 करोड़ लोगों में हमारे पास केवल एक जयशंकर है, ऐसा क्या करें कि भविष्य में हमारे पास 5, 10 जयशंकर हों?' देखिए, EAM ने क्या जवाब दिया.

VIDEO: 140 करोड़ लोगों में केवल एक जयशंकर कैसे चलेगा? मुस्कुराते हुए विदेश मंत्री ने कही धारदार बात

S Jaishankar: विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर शनिवार को पुणे में थे. एक कार्यक्रम के दौरान, जयशंकर से एक अनोखा सवाल पूछा गया. ऑडियंस में मौजूद एक व्यक्ति ने जानना चाहा, '140 करोड़ लोगों के देश में हमारे पास सिर्फ एक डॉ. जयशंकर है, भविष्य में हमारे पास 5-10 जयशंकर कैसे हो सकते हैं?' विदेश मंत्री यह सवाल सुनते-सुनते ही मुस्कुराने लगे. तालियों की गूंज के बीच माइक उठाते ही उन्होंने कहा, 'उन्हें जवाब की जरूरत नहीं, वे जानते हैं, वे हमसे आगे हैं...' फिर उन्होंने अपने अनुभवों के आधार पर सवाल का विस्तार से जवाब भी दिया.

विदेश मंत्री जयशंकर का पूरा जवाब

जयशंकर ने कहा, 'मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो पब्लिक लाइफ में रहा, कॉर्पोरेट लाइफ में रहा और लंबा वक्त डिप्लोमैटिक लाइफ में गुजारा है.... मैं वास्तव में अपने देश को लेकर बेहद आशान्वित हूं. और इसकी मुख्य वजह है इस देश के युवा. उनका जो सामर्थ्य है... उनका जो आत्मविश्वास है... दो-तीन बार मैंने चंद्रयान का संदर्भ दिया. एक बार मैं तिरुवनंतपुरम गया था और मेरे पास थोड़ा समय था. वहां एक इंस्टीट्यूट है जो स्पेस प्रोग्राम के लिए ट्रेनिंग स्कूल जैसा है, वहां के सारे लोग 20s की उम्र में होंगे... वहां जो कुछ मैंने देखा, मेरे लिए वह बेहद प्रभावशाली था. उनके पास केवल आईपी (इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी) नहीं थी, उन्होंने ऐसी चीजें बनाई हैं जो स्पेसक्राफ्ट पर लगी हैं और अंतरिक्ष में गई हैं.'

पिता के एक सवाल ने बदली जिंदगी

जयशंकर ने एक और किस्सा सुनाते हुए बताया, 'मैंने इंटरनेशनल रिलेशंस में मास्टर डिग्री ली और उस समय मेरा विचार वास्तव में पढ़ाने का था. इसलिए मैंने मास्टर डिग्री के बाद और भी डिग्री हासिल की. इसी दौरान मैंने यूपीएससी की परीक्षा दी. मैं आसानी से इंटरनेशनल रिलेशंस की एकेडमिक स्ट्रीम में आ सकता था, सिवाय इसके कि मेरे पिता, जो सरकारी नौकरी में थे, ने मुझसे बहुत 'चतुराई से' पूछा किया: 'क्या तुम वह पढ़ाई करना चाहते हो जो दूसरे लोग करते हैं, या तुम खुद कुछ करना चाहते हो? अगर तुम खुद कुछ करना चाहते हो, तो तुम व्यावहारिक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को क्यों नहीं देखते?' मैं हमेशा सोचता हूं कि अगर हम इस बारे में बात न करते तो जीवन कैसा होता.'

यह भी देखें: जंग में रूस-यूक्रेन दोनों राष्ट्रपति से कौन देश मिल सकता है?...जयशंकर ने बताई ताकत

जो दूर थे, उन्हें करीब लाया 'नया भारत'

जयशंकर ने शनिवार को कहा कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पदभार संभालने के बाद से पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के संबंधों में उल्लेखनीय बदलाव आया है. विदेश मंत्री ने कूटनीतिक कोशिशों पर प्रकाश डाला, जिससे उन देशों के साथ संबंध मजबूत हुए, जो ऐतिहासिक रूप से भारत के साथ कम जुड़े थे. इनमें एक उदाहरण संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का है, जहां 2015 में पीएम मोदी ने यात्रा की थी यह दिवंगत इंदिरा गांधी के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहला दौरा था. जयशंकर ने कहा कि यूएई की निकटता के बावजूद, उससे जुड़ने के लिए बहुत कम प्रयास किए गए.

विदेश मंत्री के मुताबिक, भारत का अपने पड़ोसियों के साथ एक जटिल इतिहास रहा है, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने देशों को नई दिल्ली के साथ अपने रिश्तों पर फिर से सोचने को प्रेरित किया है, खासकर चीन के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर. जयशंकर ने कहा, 'देश अपने रिश्तों को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं.' हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि कई पड़ोसी देशों ने अपने फायदे के लिए चीन की ओर रुख किया. (एजेंसी इनपुट)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news