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NSE Co-Location Scam Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) को-लोकेशन घोटाला मामले में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर संजय पांडे को गिरफ्तार किया है. ईडी ने पहले पाया था कि मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर से जुड़ी एक फर्म ने एनएसई के 91 पदाधिकारियों के फोन टैप किए थे. एनएसई की चित्रा रामकृष्णन और रवि नारायण के खिलाफ अवैध फोन टैपिंग मामले और को-लोकेशन घोटाले में सोमवार को संजय पांडे पर दो और मामले दर्ज किए गए. संजय पांड पर एक मामला ईडी ने दर्ज किया था, जबकि दूसरा सीबीआई ने दर्ज किया था.
ईडी और सीबीआई ने की कार्रवाई
पांडे की फर्म आईसेक सिक्योरिटीज प्रा. लिमिटेड को एनएसई ने एक्सचेंज के ऑडिट के लिए कुल 12.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया था. इसमें कथित तौर पर 'अपने कर्मचारियों की जासूसी' के लिए भुगतान किए गए 4.45 करोड़ रुपये शामिल हैं. इन आरोपों के सिलसिले में सीबीआई ने पांडे, रामकृष्णन और नारायण के खिलाफ तीसरी एफआईआर दर्ज की है जबकि ईडी ने ईसीआईआर दर्ज की है.
संजय पांडे पर गंभीर आरोप
संजय पांडे की फर्म के पास साल 2010 से साल 2015 तक नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सिक्योरिटी ऑडिट करने की जिम्मेदारी थी. इस दौरान ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज में को लोकेशन घोटाला सामने आया. एजेंसियों की जांच के बाद नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की तत्कालीन सीएमडी चित्रा रामकृष्णन और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी हुई. बता दें कि चित्रा रामकृष्णन अभी भी ईडी की हिरासत में हैं.
बढ़ सकती हैं मुश्किलें
ईडी सूत्रों ने बताया कि संजय पांडे के संतोषजनक जवाब न देने पर ईडी ने उनकी गिरफ्तारी की है. अब संजय पांडे को ईडी की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा. जिसके बाद ईडी को संजय पांडे की रिमांड मिल सकती है. अगर ऐसा हुआ तो ईडी चित्रा रामकृष्णन और संजय पांडे को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ कर सकती है.
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