अधिवक्ता ने अपना नेक बैंड नहीं पहना था और उसकी जगह टाई पहन रखी थी. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि 'आपका मामला तब तक नहीं सुनेंगे, जब तक आप सही से ड्रेसअप होकर नहीं आते, कोर्ट का एक डेकोरम होता है, सभी को उसका पालन करना चाहिए'.
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नई दिल्लीः कोरोना (Corona) काल के दौरान देश की सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) में मामलों की डिजिटल सुनवाई जारी है. लेकिन कुछ वकील पेशे की गरिमा के अनुरूप व्यवहार नहीं करने की वजह से फटकार सुन रहे हैं. ताजा मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंस से सुनवाई के दौरान जस्टिस अरुण मिश्रा ने एक वकील को सही से ड्रेसअप न होने पर फटकार लगा दी. अधिवक्ता ने अपना नेक बैंड नहीं पहना था और उसकी जगह टाई पहन रखी थी. जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा कि 'आपका मामला तब तक नहीं सुनेंगे, जब तक आप सही से ड्रेसअप होकर नहीं आते, कोर्ट का एक डेकोरम होता है, सभी को उसका पालन करना चाहिए'. इसके बाद कोर्ट ने वकील के मामले को पास ओवर कर दिया.
पहले भी टूटी मर्यादा
13 अगस्त गुरुवार को एक तरफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, तो दूसरी ओर वकील गुटखा चबा रहे थे. न्याय के मंदिर में इस तरह की अवहेलना भी वर्चुअल सुनवाई के दौरान देखने को मिली. कोर्ट ने वकील को इसके लिए फटकार लगाई थी.
इस बीच एक वरिष्ठ अधिवक्ता का कथित वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो राजस्थान हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुक्का गुड़गुड़ाते हुए दिखे और धूम्रपान के खतरों को लेकर राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति ने उन्हें सलाह भी दी थी. कोर्ट की मर्यादा एक बार पहले भी टूटी है. जब एक वकील अपने लिविंग रूम से टीशर्ट पहन कर दलील दे रहे थे. कोर्ट ने उन्हें भी फटकारते हुए मर्यादा याद दिलाई थी.
सुप्रीम कोर्ट ने 15 जून के आदेश में कहा था कि हम सभी कठिन दौर से गुजर रहे हैं और डिजिटल अदालतों द्वारा सुनवाई दिनचर्या का हिस्सा बन गई है. इसलिए सुनवाई की जन प्रकृति को देखते हुए सभ्य परिधान, वीडियो की पृष्ठभूमि के लिहाज से अदालत के न्यूनतम तौर तरीकों का पालन किया जाना चाहिए.
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