मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने कहा कि मुख्य रूप से इस तरह की गतिविधियां कोलकाता और अहमदाबाद में चल रही हैं.
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नई दिल्ली : दवाओं की मियाद खत्म होने पर उनके उत्पादन और एक्सपायरी की तारीख मिटाकर नये सिरे से उनकी बिक्री को ‘गंभीर’ करार देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार को इस मामले को देखना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने कहा कि मुख्य रूप से इस तरह की गतिविधियां कोलकाता और अहमदाबाद में चल रही हैं जहां एक्सपायर हो चुकी दवाओं पर फिर से मुहर लगाकर दिल्ली के रास्ते दूसरी जगहों पर भेजा जाता है.
11 मार्च 2019 को होगी मामले की अगली सुनवाई
अदालत ने कहा कि केंद्र सरकार के अधिकारियों को इसे देखना होगा. अदालत ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय और भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआई) को नोटिस जारी किया. अदालत ने कहा, ‘‘यह गंभीर मामला है.’’ अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.
सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ वकील ने डाली याचिका
वकील अमित साहनी ने अपनी जनहित याचिका में दावा किया कि जिन दवाओं के उपयोग की समयावधि समाप्त हो जाती है, अपराधी उनकी मूल उत्पादन और अवधि समाप्त होने की तारीख मिटाकर नये सिरे से मुहर लगाकर बेचते हैं.