मुगल बादशाह शाहजहां अपने भोजन को लेकर काफी सचेत रहते थे. वो अपनी सुरक्षा को लेकर भी काफी गंभीर रहते थे. उन्हें खाने में काफी दिलचस्पी थी लेकिन वो आशंकित रहते थे कि कहीं कोई खाने में जहर न मिला दे. इसके लिए शाहजहां ने 17वीं शताब्दी में रकाबी बनवाई थी, जो खास तौर पर खाने को परखने के लिए बनाई गई थी कि भोजन में कोई विषैला पदार्थ तो नहीं है. दरअसल, ये हरे रंग की एक प्लेट थी जिसे चीनी-मिट्टी और अन्य चीजों से तैयार किया गया था. 


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ये प्लेट इतनी खास थी कि इसमें जहरीला खाना डालते ही या तो टूट जाती थी या फिर इसका रंग बदल जाता था. इससे ये पता चल जाता था कि बादशाह का खाना कितना बेहतर है. वो खाने लायक है या नहीं. शाहजहां की ये प्लेट आज भी आगरा के ताज म्यूजियम में रखी है. इस म्यूजियम में मुगल काल की तमाम खास चीजों को रखा गया है. यहां तरह-तरह के हथियार भी रखे गए हैं, जिन्हें आम लोग देख सकते हैं.


शाही रसोई में शाहजहां का खाना तैयार होता था. शाही चिकित्सक की निगरानी और उसके द्वारा बताई गई रेसीपी को उनके कुक तैयार करते थे. इसके बाद इसे मुख्य रसोइया टेस्ट करता था और इसके बाद ही भोजन को बादशाह के लिए परोसा जाता था. लेकिन इतनी सुरक्षा होने के बाद भी कई ऐसे मामले सामने आए थे जिसमें विषैले भोजन को परोसा गया था. इन मामलों से सचेत होकर शाहजहां ने खास तरह की प्लेट बनवाई थी.


म्यूजियम में रखी इस प्लेट के बारे में लिखा है... 'जहर परख रकाबी, एक प्रकार की चीनी मिट्टी से निर्मित प्लेट जो कि विषाक्त खाना डालते ही रंग बदल लेती थी या टूट जाती थी.'


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