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मुंबई: साल 2013 के शक्ति मिल गैंगरेप के मामले (Shakti Mills Gang Rape Case) में बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने आज (गुरुवार को) अपना अंतिम फैसला सुनाया. बॉम्बे हाई कोर्ट ने तीन दोषियों की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया. फांसी की सजा की मंजूरी के लिए राज्य सरकार की याचिका पर बॉम्बे हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया. बता दें कि मुंबई सेशन कोर्ट ने 4 अप्रैल 2014 को फांसी की सजा सुनाई थी. तीन दोषियों विजय जाधव (Vijay Jadhav), कासिम बंगाली (Kasim Bengali) और सलीम अंसारी (Salim Ansari) को फांसी की सजा सुनाई गई थी. तीनों दोषियों को आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया था. जस्टिस एसएस जाधव और जस्टिस पृथ्वीराज चौहान ने मामले में फैसला सुनाया.
बता दें कि शक्ति मिल गैंगरेप के 2 मामले थे. एक फोटोग्राफर जर्नलिस्ट गैंगरेप केस और एक टेलीफोन ऑपरेटर गैंगरेप केस. फोटो जर्नलिस्ट मामले में 5 दोषी हैं जिसमें 1 नाबालिग है. टेलीफोन ऑपरेटर मामले में भी 5 दोषी हैं जिसमें 1 नाबालिग है. दोनों मामलों में तीन दोषी एक ही हैं.
1. सिराज रहमान खान (उम्र कैद)
2. विजय मोहन जाधव (फांसी)
3. मोहम्मद सलीम अंसारी (फांसी)
4. मोहम्मद कासिम हाफिज शेख उर्फ कासिम बंगाली (फांसी)
5. चांद बाबू (गुनाह के समय नाबालिग था)
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1. मोहम्मद अशफाक शेख (उम्र कैद)
2. विजय मोहन जाधव (फांसी)
3. मोहम्मद सलीम अंसारी (फांसी)
4. मोहम्मद कासिम हाफिज शेख उर्फ कासिम बंगाली (फांसी)
5. जाधव जे जे (गुनाह के समय नाबालिग था)
जान लें कि मोहम्मद कासिम हाफिज शेख उर्फ कासिम बंगाली, मोहम्मद सलीम अंसारी और विजय मोहन जाधव दोनो गैंगरेप केस में दोषी थे. तीनों को फांसी की सजा दी जा चुकी थी. बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब इन तीनों की सजा उम्रकैद में बदल गई है.
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22 अगस्त 2013 को एक मैगजीन के लिए काम करने वाली महिला फोटो जर्नलिस्ट के साथ महालक्ष्मी स्थित शक्ति मिल कंपाउंड में शाम तकरीबन 6 बजकर 45 मिनट पर गैंगरेप हुआ था. फिर 23 अगस्त 2013 को मामले में पहली गिरफ्तारी हुई थी. नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार किया गया था. 24 अगस्त 2013 को दूसरा आरोपी विजय जाधव गिरफ्तार हुआ था. इसी दिन कुछ घंटों बाद तीसरे आरोपी सिराज रहमान उर्फ सिरजू की भी गिरफ्तारी की गई थी. फिर 25 अगस्त 2013 को चौथे आरोपी कासिम बंगाली की गिरफ्तारी हुई थी. 25 अगस्त 2013 को पांचवां और मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद सलीम अंसारी गिरफ्तार किया गया था.
इसके बाद 26 अगस्त 2013 को पीड़ित फोटो जर्नलिस्ट का बयान दर्ज किया गया था. 27 अगस्त 2013 को पीड़िता को अस्पताल से छुट्टी मिली थी. 3 सितंबर 2013 को एक और पीड़िता सामने आई थी. 19 साल की टेलीफोन ऑपरेटर ने पुलिस को बताया कि 31 जुलाई को उसके साथ भी पांच लोगों ने गैंगरेप किया जिसमें पहले से गिरफ्तार तीन आरोपी शामिल थे.
फिर 4 सितंबर 2013 को पीड़ित लड़की ने आइडेंटिफिकेशन परेड में आरोपियों की पहचान की थी. इसके बाद 19 सितंबर 2013 को मुंबई क्राइम ब्रांच ने तकरीबन 600 पन्ने की चार्जशीट दायर की थी. 14 अक्टूबर 2013 को ट्रायल की शुरुआत हुई. 17 अक्टूबर 2013 को पीड़िता ने अदालत में आरोपियों की पहचान की. 13 जनवरी 2014 को पीड़िता के सहयोगी और चश्मदीद गवाह ने भी आरोपियों को पहचान की. 20 मार्च 2014 को मुंबई सेशंस कोर्ट ने सभी चारों आरोपियों को दोषी पाया. 4 अप्रैल 2014 को तीन रिपीट ऑफेंडर्स को फांसी जबकि बाकी आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई.
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