शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर संधू की गोली मार कर हत्या, आतंकवाद से लिया था लोहा
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शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर संधू की गोली मार कर हत्या, आतंकवाद से लिया था लोहा

पंजाब में आतंकवाद से लोहा ले चुके एवं शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर सिंह संधू (Shaurya Chakra Awardee Balbinder singh Sandhi) की राज्य के तरन तारन जिले में शुक्रवार को दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी.

फाइल फोटो

अमृतसर/चंडीगढ़: पंजाब में आतंकवाद से लोहा ले चुके एवं शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर सिंह संधू (Shaurya Chakra Awardee Balbinder singh Sandhi) की राज्य के तरन तारन जिले में शुक्रवार को दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी. सरकार ने कुछ समय पहले उनकी सुरक्षा वापस ले ली थी.

  1. शौर्य चक्र से सम्मानित बलविंदर संधू की हत्या
  2. खालिस्तानी आंदोलन के दौरान आतंकियों से लिय था लोह
  3. पंजाब सरकार ने एक साल पहले वापस ले ली थी सुरक्षा

आतंकियों ने मारी चार गोलियां
पुलिस ने बताया कि मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने 62 वर्षीय संधू को उस समय चार गोलियां मारी जब वह जिले में भीखीविंड गांव स्थित अपने घर से लगे दफ्तर में थे. हमलावर हमला करने के बाद फरार हो गये. संधू को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

सरकार ने ली थी सुरक्षा वापस
संधू कई साल राज्य में आतंकवाद के खिलाफ लड़े और पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद (Khalistan Terrorism in Punjab) जैसे चरम पर था तब उन पर कई आतंकवादी हमले किये गए. बलविंदर सिंह संधू के भाई रंजीत ने कहा कि तरन तारन पुलिस (TaranTaran Police) की सिफारिश पर राज्य सरकार द्वारा एक वर्ष पहले संधू की सुरक्षा वापस ले ली गई थी. उन्होंने कहा कि उनका पूरा परिवार आतंकवादियों के निशाने पर रहा.

आतंकियों की हरकत: पत्नी जगदीश कौर
बलविंदर की पत्नी जगदीश कौर ने कहा कि यह 'आतंकवादियों का काम है.' उन्होंने कहा कि उनके परिवार की किसी के साथ कोई निजी शत्रुता नहीं है. उन्होंने कहा, 'परिवार ने हमेशा आतंकवादियों के खिलाफ मुकाबला किया. आतंकवादियों द्वारा मेरे परिवार पर 62 हमले किये गए. हमने डीजीपी दिनकर गुप्ता (DGP Diwakar Guptaसे सुरक्षा के लिए कई अनुरोध किये लेकिन सभी अनुरोध व्यर्थ गए.'

मुख्यमंत्री ने जताया दुख
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने संधू की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया और उनकी हत्या की जांच के लिए फिरोजपुर उप महानिरीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि एसआईटी हत्या की जांच करेगी और सभी संभावनाओं पर गौर करेगी. उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

शाम 7 बजे के दौरान मारी गोलियां
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिनकर गुप्ता ने कहा कि दो अज्ञात हमलावरों ने शाम करीब सात बजे संधू की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि संधू की मौके पर ही मौत हो गई. डीजीपी ने एक बयान में कहा कि क्षेत्र लगे एक सीसीटीवी की फुटेज में दिखा है कि दो अज्ञात हमलावर संधू के मकान पर पहुंचे और उनमें से एक परिसर में घुसा और संधू पर बेहद नजदीक से गोली चलायी. उन्होंने कहा कि वाहन और उसके पंजीकरण नम्बर का पता लगाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आरोपियों को पकड़ने के लिए एक एसआईटी का गठन कर दिया गया है.

मामला दर्ज कर जुटी पुलिस
डीजीपी ने एसआईटी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि फिरोजपुर रेंज के डीआईजी हरदियाल मान के अलावा इसमें तरन तारन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डी निम्बले और भीखीविंड के पुलिस उपाधीक्षक राजबीर सिंह शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इस संबंध में भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और अन्य प्रासंगिक धाराओं के अलावा हथियार कानून के तहत एक मामला दर्ज कर लिया गया है. बलविंदर सिंह संधू कुछ वृत्तचित्रों में भी आये थे. संधू और उनके परिवार से प्रेरित होकर कई लोगों ने आतंकवादी हमलों से खुद का बचाव किया.

शौर्य चक्र से किए गए थे सम्मानित
केंद्र सरकार ने 1993 में संधू को शौर्य चक्र से सम्मानित किया था. उन्हें प्रदान किये गए शौर्य चक्र के प्रशस्तिपत्र में कहा गया था, 'बलविंदर सिंह संधू और उनके भाई रंजीत सिंह संधू आतंकवादी गतिविधियों के विरोध में रहे। वे आतंकवादियों के निशाने पर थे. आतंकवादियों ने लगभग 11 महीनों में संधू के परिवार को समाप्त करने के 16 प्रयास किए.' इसमें लिखा था, 'आतंकवादियों ने उन पर 10 से लेकर 200 के समूह में हमला किया, लेकिन हर बार संधू भाइयों ने अपनी बहादुर पत्नियों जगदीश कौर संधू और बलराज कौर संधू की मदद से आतंकवादियों के प्रयासों को सफलतापूर्वक विफल किया.'

कई बार आतंकियों के हमलों का किया सामना
आतंकवादियों ने पहली बार परिवार पर 31 जनवरी 1990 को हमला किया था. उसके बाद परिवार पर भीषण हमला 30 सितम्बर 1990 को किया गया था जब करीब 200 आतंकवादियों ने उनके घर को चारों ओर से घेर लिया था और उन पर पांच घंटे लगातार खतरनाक हथियारों से हमला किया था। इन हथियारों में रॉकेट लांचर भी शामिल थे.

आतंवादियों को दिया था मुंहतोड़ जवाब
प्रशस्तिपत्र में लिखा था कि आतंकवादियों के इस सुनियोजित हमले में मकान तक आने वाले रास्ते को बारूदी सुरंग बिछाकर बाधित कर दिया गया था ताकि पुलिस की कोई मदद उन तक न पहुंच सके. इसमें कहा गया था कि संधू भाइयों और उनकी पत्नियों ने आतंकवादियों का पिस्तौलों और स्टेनगनों से मुकाबला किया जो उन्हें सरकार द्वारा मुहैया करायी गई थीं। संधू भाइयों और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा दिखाए गए प्रतिरोध ने आतंकवादियों को पीछे हटने के लिए मजबूर किया. प्रशस्तिपत्र में कहा गया था कि इन सभी व्यक्तियों ने आतंकवादियों के हमले का सामना करने और बार-बार किए गए जानलेवा हमलों को विफल करने के लिए अत्यंत साहस एवं बहादुरी का प्रदर्शन किया है.

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