शमसुल-हक नमी यह आतंकी श्रीनगर श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र जकुरा में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन मेडिकल साइन्सिस से बीयूएमएस कर रहा था.
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श्रीनगर: कल दक्षिणी कश्मीर के शोपियां में हुई मुठभेड़ देखने में तो सामान्य थी मगर इसमें जो आतंकी मारे गए उनकी पहचान से पता चला कि एक आतंकी भारतीय पुलिस सर्विस (आईपीएस) अधिकारी का छोटा भाई है. शमसुल-हक नमी यह आतंकी श्रीनगर श्रीनगर के बाहरी क्षेत्र जकुरा में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन मेडिकल साइन्सिस से बीयूएमएस कर रहा था और अप्रैल 2018 में इसके घर शोपियां में एक मुठभेड़ हुई थी जिसमें 7 आतंकी मारे गए थे.
इस मुठभेड़ के केवल एक महीने बाद शमसुल हक़ अचानक अपने कॉलेज से गायब हुआ और मई में उसके आतंकी बने की खबर मिली मगर इस बात पर मोहर तब लगी जब हिज़्बुल मुजाहिद्दीन आतंकी संगठन से बुरहान वाणी की बरसी पर उसकी बन्दूक लेकर तस्वीर जारी की. शमसुल हक़ पुलिस रिकॉर्ड में आतंकी बन गया. सोशल मीडिया पर उसका एके-47 लेकर एक फोटो वायेरल हुआ जिसमें उसके आतंकवाद में शामिल होने की तारीख 25 मई, 2018 लिखी गई थी.
शमसुल आईपीएस 2012 बैच के अधिकारी इनामुल हक का भाई था जोकि नॉर्थ ईस्ट में पोस्टेड हैं. इस आतंकी के इस आईपीएस भाई और परिवारवालों ने जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर शमसुल हक़ को आतंक के रस्ते से वापिस मुख्यधारा में लाने की बेहद कोशिश की. पूर्व डीजीपी जम्मू-कश्मीर पुलिस एसपी वैद्य ने ट्वीट कर कहा, "शम्सुल हक़ आईपीएस अधिकरी का भाई जो आतंकियों में शामिल हुआ था. शोपियां मुठभेड़ में मारेंगे आतंकियों में से एक है. मुझे याद है कि किस तरह उसके भाई और परिवार और जम्मू कश्मीर पुलिस ने उसे मुखीधरा में वापिस लेन की कोशिश की थी, मगर उसका दुखत अंत हुआ".
जम्मू कश्मीर पुलिस के अधिकारी ने बताया, "उसके परिवार ने कई बार उसे सम्पर्क किया उसे समझया मगर वो वापिस लौटने के लिए तैयार नहीं हुआ". शमस का ब्रेन वॉश इस तरह किया गया था कि वह एक के बाद एक आतंकी घटना में हिसा लेता गया. पुलिस के मुताबिक वह हथियार लूट और नए युवाओं का ब्रेन वॉश करने में माहिर हो गया था और कई आतंकी हमलों में भी उसका ना दर्ज हुआ था. और आखिरकार उसे एक मुठभेड़ में उसके अंजाम तक पहुंच गया.
दक्षिणी कश्मीर के शोपियां ज़िले के शीरमाल इलाके में मंगलवार को हुई. इस भीषण मुठभेड़ में मारे गए 3 आतंकियों मरे गए थे. मारे गए सभी आतंकी शोपियां के स्थानीय आतंकी थे और आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के साथ जुड़े थे. मारे गए आतंकियों में शमसुल हक मंगनू के अलावा शोपियां के आमिर अहमद भट और तीसरे आतंकी की शिनाख्त शोपियां के शोएब अहमद शाह के तौर पर हुई है.