Shraddha Murder Case: आफताब पर कसेगा शिकंजा, डेंटिस्ट की गवाही सामने लाएगी जंगल से मिले जबड़े का सच!
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Shraddha Murder Case: आफताब पर कसेगा शिकंजा, डेंटिस्ट की गवाही सामने लाएगी जंगल से मिले जबड़े का सच!

Shraddha Aftab Case: पुलिस को जांच के दौरान जो जबड़े मिले हैं, उनका मिलान डेंटिस्ट की रिपोर्ट से किया जा सकता है, ताकि आफताब के खिलाफ सबूतों पर प्रामाणिकता की मुहर लग सके.

Shraddha Murder Case: आफताब पर कसेगा शिकंजा, डेंटिस्ट की गवाही सामने लाएगी जंगल से मिले जबड़े का सच!

Shraddha Murder Case Updates:  श्रद्धा मर्डर केस में मुंबई के एक डेंटिस्ट की गवाही अहम साबित हो सकती है. इस डेंटिस्ट ने पिछले साल श्रद्धा का ट्रीटमेंट किया था. ज़ी न्यूज़ से बातचीत में इस डॉक्टर ने बताया कि श्रद्धा के साथ आफताब भी दो-तीन बार उनके पास आया था. पुलिस को जांच के दौरान जो जबड़े मिले हैं, उनका मिलान डेंटिस्ट की रिपोर्ट से किया जा सकता है, ताकि आफताब के खिलाफ सबूतों पर प्रामाणिकता की मुहर लग सके.

श्रद्धा हत्याकांड की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के सामने सबसे बड़ी चुनौती ये साबित करने की है कि उसने आफताब की निशानदेही पर शव के जो हिस्से बरामद किए हैं, वो श्रद्धा के ही हैं. तभी इसे आफताब के खिलाफ ठोस सबूत के तौर पर अदालत में पेश किया जा सकेगा.

पुलिस ने जंगल और तालाब से मिली हड्डियों के अलावा कपड़े और दूसरी चीजों  को भी जांच के लिए CFSL भेजा है.साथ ही जबड़े की पहचान पुख़्ता करने के लिए पुलिस ने मुंबई के एक डेंटिस्ट को भी ढूंढ निकाला, जिसने श्रद्धा के दांतों का इलाज किया था.

दिल्ली और महाराष्ट्र पुलिस की टीम के सामने डेंटिस्ट डॉ. इशान मोटा ने बताया कि श्रद्धा साल 2021 के अगस्त से सितंबर के बीच 7-8 बार उनके पास आई थी और इस दौरान रूट कैनाल ट्रीटमेंट के साथ ही उसका Wisdom Tooth निकाला गया. 

डेंटिस्ट के क्लीनिक पर आया था आफताब 

ज़ी न्यूज़ से खास बातचीत में डॉक्टर ईशान मोटा ने बताया कि दो तीन बार आफताब भी श्रद्धा के साथ उनके क्लीनिक में आया था, लेकिन आफताब से उनकी कोई बातचीत नहीं हुई. मेडिकल ट्रीटमेंट का भुगतान श्रद्धा के क्रेडिट कार्ड से हुआ था. पुलिस को तहकीकात के दौरान जो जबड़ा मिला, उसका मिलान श्रद्धा की डेंटल एक्स-रे से रिपोर्ट से किया जा सकता है. डॉ. इशान ने जांच टीम से श्रद्धा के इलाज से जुड़े सारे दस्तावेज साझा किए हैं, जिससे जांच में मदद मिल सकती है.

पुलिस जांच में अब तक बरामद चीजों पर सीएसएफल की रिपोर्ट भी जल्द ही आ सकती है, जिससे आफताब के खिलाफ सबूतों की प्रामाणिकता पर मुहर लग सकती है. दिल्ली और महाराष्ट्र पुलिस इस बात की तफ्तीश भी कर रही है कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या के पहले और उसके बाद किस तरह की रिसर्च की थी. उसने इंटरनेट पर क्या-क्या सर्च किया था. उसने मर्डर करने और शव को ठिकाने लगाने का आइडिया कैसे हासिल किया.

आफताब ने इस केस की जांच रिपोर्ट में भी गुनाह का कबूलनामा किया है. ये उसी रिपोर्ट का एक हिस्सा है. इसके मुताबिक आफताब ने जांच अधिकारी को बताया कि  वो और श्रद्धा 2019 से लिव इन रिलेशन में रह रहे थे. वो दोनों मुंबई के रहने वाले हैं. और डेटिंग ऐप के जरिए एक दूसरे से मिले थे. श्रद्धा और आफताब के बीच काफी झगड़े होते रहते थे. मार्च-अप्रैल में आफताब और श्रद्धा हिल स्टेशन भी गए थे. इसी के बाद उन दोनों ने दिल्ली शिफ्ट होने का फैसला किया. वारदात के दिन आफताब ने श्रद्धा का गला दबाकर हत्या कर दी. और धीरे-धीरे उसके शव के हिस्सों को ठिकाने लगाता रहा.

आज भी हो सकता है पॉलीग्राफ टेस्ट

श्रद्धा की हत्या के आरोपी आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट शुक्रवार को भी हो सकता है. गुरुवार को साढ़े 9 घंटों तक दिल्ली के FSL में आफताब का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ, लेकिन ये पूरा नहीं सका. पॉलीग्राफ टेस्ट से पहले आफताब का Physcological Analysis यानी मानसिक विश्लेषण किया गया. इसके जरिए शातिर आफताब की ब्रेन मैपिंग की कोशिश की गई.

ये टेस्ट इसलिए भी जरूरी था क्योंकि इतना संगीन गुनाह करने के बावजूद आफताब को किसी तरह का पछतावा नहीं है. वो शुरू से ही काफी सामान्य व्यवहार कर रहा है. बिलकुल शांत और बेफिक्र नजर आ रहा है. मंगलवार को जब उसे पॉलीग्राफ के प्री-सेशन के बाद एफ एस एल से ले जाया जा रहा था, तब भी आफताब रिलैक्स्ड और बेपरवाह दिखा.

9 घंटे तक पूछे गए सवाल

गुरुवार को दिल्ली के रोहिणी में फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी यानी एफएसएल में आफताब पूनावाला का पॉलीग्राफ टेस्ट हुआ. करीब साढ़े नौ घंटों तक आफताब से सवाल जवाब किए गए लेकिन जिस हत्याकांड का खुलासा होने में ही छह महीने लग गए, उसकी साजिश तह तक पहुंचने के लिए शायद ये वक्त कम था. इसलिए पॉलीग्राफ टेस्ट आज भी जारी रहेगा.

पॉलीग्राफ टेस्ट की प्रक्रिया मंगलवार को ही शुरू कर दी गई थी, जब इसका प्रारंभिक सत्र हुआ था. सूत्रों के मुताबिक पॉलीग्राफ टेस्ट के दौरान पूछे जाने वाले सवालों की लिस्ट जांच अधिकारी ने विशेषज्ञ डॉक्टरों को सौंप दी, जिसके बाद हर सवाल पर आफताब की मॉनिटरिंग शुरू हो गई. आफताब के हर जवाब के साथ उसके ब्लड प्रेशर, धड़कन और नब्ज के उतार-चढ़ाव और मनोविज्ञान पर विशेषज्ञों की नज़र टिक गई. 

जांच अधिकारियों को आफताब के इसी आत्मविश्वास से शक होना शुरू हुआ और वो ये मानने के लिए मजबूर हो गए कि आफताब के किसी भी बयान पर आंख मूंद कर भरोसा नहीं किया जा सकता. इसी वजह से श्रद्धा हत्याकांड की जांच कर रही पुलिस ने कोर्ट से उसके नार्को टेस्ट और पॉलीग्राफ टेस्ट की इजाजत मांगी और इजाजत मिलते ही पॉलीग्राफ टेस्ट की तैयारी शुरू कर दी गई. पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद नार्को टेस्ट की प्रक्रिया लंबी है.अगर जरूरी हुआ तो रिमांड खत्म होने के बाद न्यायिक हिरासत में भी आफताब का नार्को टेस्ट हो सकता है.

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