कश्मीर: मारे गए आतंकी की मां के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज, ये है पूरा मामला
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कश्मीर: मारे गए आतंकी की मां के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज, ये है पूरा मामला

पुलिस ने कहा कि गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुसार ही की गई थी और गिरफ्तारी के बाद, उसे अनंतनाग के एक महिला पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया है.

नसीमा बानो को तस्वीर में अपने बेटे के साथ देखा जा सकता है

श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर पुलिस (J&K Police) ने इस महीने की 20 तारीख को एक महिला को गिरफ्तार किया था. ये महिला मारे गए आतंकवादी (Terrorist) तौसीफ अहमद शाह की मां है, जो मई 2018 में एक मुठभेड़ के दौरान मारा गया था. अब पुलिस ने महिला के खिलाफ एक आपराधिक मामला दर्ज किया है.

  1. पुलिस मुठभेड़ में मारे गए आतंकी की मां गिरफ्तार
  2. आतंकियों के लिए हथियार की व्यवस्था किया करती थी
  3. कानून के प्रावधानों के अनुसार ही की गई  गिरफ्तारी 

पुलिस के बयान में लिखा है- 'नसीमा बानो, पत्नी अब सलाम शेख आर, निवासी रामपोरा कैमोह को 20 जून 2020 को एक आपराधिक मामले में गिरफ्तार किया गया है. उसपर सेक्शन 13बी,17,18,18 बी,19,39 और गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.

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पुलिस ने कहा कि गिरफ्तारी कानून के प्रावधानों के अनुसार ही की गई थी और गिरफ्तारी के बाद, उसे अनंतनाग के एक महिला पुलिस थाने में हिरासत में रखा गया है.

सामने आई एक तस्वीर में महिला को हाथ में एक ऑटोमैटिक हथियार पकड़े हुए देखा जा सकता है. महिला अपने बेटे के साथ पोज दे रही है जो हिजबुल कमांडर और घाटी में सक्रिय आतंकवादी था और 2018 में सेना के साथ मुठभेड़ के दौरान मारा गया था. पुलिस का दावा है कि महिला युवाओं को आतंकवादी संगठनों में भर्ती कराने, आतंकियों और आतंकी संगठनों के लिए हथियार गोला बारूद, संचार और रसद की व्यवस्था किया करती थी.

बयान में आगे कहा गया है कि- 'सिर्फ इसलिए कि वह एक महिला है और मारे गए आतंकवादी की मां है, इसका मतलब ये जरा भी नहीं है कि उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. लोगों की रक्षा करने के लिए पुलिस का मुख्य कर्तव्य अपराधियों को गिरफ्तार करना है और इसीलिए ऐसा किया गया. अगर कोई भी फैसले को चुनौती देना चाहता है तो वह कोर्ट जाने के लिए स्वतंत्र है.'

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि- 'जम्मू-कश्मीर पुलिस आतंकवादियों के किसी भी परिवार वाले को अनावश्यक रूप से टार्गेट नहीं करती, जब तक कि उनके आतंकवाद में शामिल होने के ठोस सबूत नहीं मिलते.'

सोशल मीडिया पर कई पोस्ट और मैसेज दिखाई दे रहे हैं जिनमें ये पाया गया है कि शांति व्यवस्था बाधित करने के लिए तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है. पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया है और जो भी किसी भी माध्यम से दूसरों को भड़काने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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