जब मुलायम ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ तो साथ बैठी सोनिया गांधी मुस्कुरा दीं
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जब मुलायम ने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ तो साथ बैठी सोनिया गांधी मुस्कुरा दीं

मुलायम सिंह ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें.

मुलायम सिंह ने इसके साथ ही कहा कि मोदी जी ने सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश की.

नई दिल्‍ली: लोकसभा में समापन भाषण के दौरान सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ की. वहीं, मुलायम सिंह के ठीक पीछे बैठी यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी उनकी बातें सुनकर मुस्कुराती हुई नजर आईं. मुलायम सिंह ने कहा कि पीएम मोदी ने हमेशा जायज काम किए. उन्‍होंने हमेशा हमारी मदद की. इसी कड़ी में मुलायम सिंह ने कहा कि हम सब चाहते हैं कि नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनें. इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि मेरी कामना है कि सभी लोकसभा सदस्‍य फिर से चुनकर आएं.

मुलायम सिंह ने इसके साथ ही कहा कि मोदी जी ने सभी को साथ लेकर चलने की कोशिश की. ऐसा सुनते ही पीएम मोदी ने हाथ जोड़कर सपा नेता का अभिवादन किया. इस दिलचस्‍प वाकये के दौरान यूपीए अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, मुलायम सिंह के बगल में ही बैठी थीं. वह भी मुस्‍कुराने लगीं. 

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समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं पर पुलिस बल प्रयोग को लेकर बुधवार को लोकसभा में राज्य सरकार और बीजेपी को आड़े हाथ लिया, वहीं, केंद्र सरकार ने कहा कि इस घटनाक्रम से बीजेपी और सरकार का कोई लेना-देना नहीं है. लोकसभा में सपा के सदस्य धर्मेंद्र यादव ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से यह मांग भी की कि प्रयागराज में उनकी पार्टी के लोगों पर कार्रवाई करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के उनके नोटिस को स्वीकार किया जाए.

 

 

लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए. इसके बाद शून्यकाल में सपा के धर्मेंद्र यादव ने मंगलवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को इलाहाबाद विश्वविद्यालय और कुंभ मेले में नहीं जाने देने का आरोप उत्तर प्रदेश सरकार पर लगाया. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रयागराज में सपा अध्यक्ष का इंतजार कर रहे पार्टी नेता और कार्यकर्ता जब गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रहे थे तो वहां के पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों के नेतृत्व में लाठीचार्ज किया गया.

यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस के लाठीचार्ज में उनके समेत पार्टी सांसद, विधायक, विधान परिषद सदस्यों के साथ ही सपा छात्र संगठन के सदस्य और महिलाएं चोटिल हुए. इस दौरान यादव के सिर पर पट्टी बंधी हुई थी. उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के अधिकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर और मुख्यमंत्री जिन लोगों के निर्देश पर चल रहे हैं, उनकी लोकतंत्र में कोई आस्था नहीं है. यादव ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से मांग की कि उनके समेत पार्टी के अन्य लोकसभा सदस्यों के विशेषाधिकार हनन के नोटिस को स्वीकार किया जाए तथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सपा सदस्य ने जो कहा है, उससे सरकार को सहानुभूति है लेकिन इस घटनाक्रम से सरकार और भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति ने प्रशासन को लिखकर दिया कि सपा नेता के कार्यक्रम से अव्यवस्था हो सकती है, इसलिए उन्हें रोकना पड़ा. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्य भी आसन के समीप आकर नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे.

नारेबाजी कर रहे तृणमूल सदस्यों ने इस दौरान काले रंग का बैनर भी सदन में लटकाया. उनके साथ तेलुगूदेशम पार्टी के सदस्य भी खड़े देखे गये. तृणमूल कांग्रेस सदस्यों की नारेबाजी के जवाब में सत्तापक्ष की ओर से भी नारेबाजी सुनाई दी. कांग्रेस के सदस्य राफेल विमान सौदे को लेकर अपना विरोध जता रहे थे. इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों की ओर से कागज के हवाई जहाज भी उड़ाये गये जो सत्तापक्ष की ओर जाकर गिरे.
इस दौरान अग्रिम पंक्ति में गृहमंत्री राजनाथ सिंह बैठे थे. सदन में संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी और सपा नेता मुलायम सिंह यादव भी उपस्थित थे.

इससे पहले सदन में प्रश्नकाल नहीं चल सका. समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों के हंगामे के कारण अध्यक्ष महाजन ने शुरू होने के कुछ ही मिनट बाद सदन की बैठक को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. 

नागरिकता विधेयक और तीन तलाक संबंधी विधेयक हो जायेंगे निष्प्रभावी 
वर्तमान लोकसभा के अंतिम सत्र (बजट सत्र) के दौरान विवादित नागरिकता संशोधन विधेयक और तीन तलाक संबंधी विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं किये जा सकने के कारण इनका निष्प्रभावी होना तय है. दोनों विधेयक लोकसभा से पारित हो चुके हैं लेकिन उच्च सदन में बजट सत्र के दौरान कार्यवाही लगातार बाधित रहने के कारण इन्हें राज्यसभा में पारित नहीं किया जा सका. तीन जून को इस लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने पर ये दोनों विधेयक निष्प्रभावी हो जायेंगे.

संसदीय नियमों के अनुसार राज्यसभा में पेश किये गये विधेयक लंबित होने की स्थिति में लोकसभा के भंग होने पर निष्प्रभावी नहीं होते हैं. वहीं लोकसभा से पारित विधेयक यदि राज्यसभा में पारित नहीं हो पाते हैं तो वह लोकसभा के भंग होने पर निष्प्रभावी हो जाते हैं. नागरिकता विधेयक और तीन तलाक विधेयक के कुछ प्रावधानों का विपक्षी दल राज्यसभा में विरोध कर रहे हैं. उच्च सदन में सत्तापक्ष का बहुमत नहीं होने के कारण दोनों विधेयक लंबित हैं.

नागरिकता विधेयक में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आये वहां के अल्पसंख्यक (हिंदू, जैन, इसाई, सिख, बौद्ध और पारसी) शरणार्थियों को सात साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान किया है. मौजूदा प्रावधानों के तहत यह समय सीमा 12 साल है.

इन देशों के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को निर्धारित समय सीमा तक भारत में रहने के बाद बिना किसी दस्तावेजी सबूत के नागरिकता देने का प्रावधान है. यह विधेयक गत आठ जनवरी को शीतकालीन सत्र के दौरान पारित किया गया था. इसका असम सहित अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध किया जा रहा है.

इसी प्रकार मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अध्यादेश के तहत ‘तीन तलाक’ को अपराध घोषित करने के प्रावधान का विपक्षी दल विरोध कर रहे हैं. इसमें तीन तलाक बोलकर पत्नी को तलाक देने वाले पति को जेल की सजा का प्रावधान किया गया है.

तीन तलाक को अवैध घोषित कर इसे प्रतिबंधित करने वाले प्रावधानों को सरकार अध्यादेश के जरिये दो बार लागू कर चुकी है. इस अध्यादेश को विधेयक के रूप में पिछले साल सितंबर में पेश किया गया था जिसे लोकसभा से दिसंबर में मंजूरी मिली थी लेकिन इस विधेयक के राज्यसभा में लंबित होने के कारण सरकार को दोबारा अध्यादेश लागू करना पड़ा.

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