योगी मंत्रिमंडल का हो सकता विस्तार, कुछ मंत्रियों पर लटकी कुर्सी जाने की तलवार!
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योगी मंत्रिमंडल का हो सकता विस्तार, कुछ मंत्रियों पर लटकी कुर्सी जाने की तलवार!

उपचुनाव (Bypolls 2020) में मिली सफलता के बाद योगी सरकार (Yogi Government) की नजर अब आगामी 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव (Assembly Election) पर है.

फाइल फोटो

लखनऊ: उपचुनाव (Bypolls 2020) में मिली सफलता के बाद योगी सरकार (Yogi Government) की नजर अब आगामी 2022 में होने वाले विधान सभा चुनाव (Assembly Election) पर है. मंत्रिमंडल के खाली पदों को भरने की चर्चा तेज हो गई है.

कोरोना संकट (Coronavirus) के चलते दो मंत्रियों की हुई मौत के बाद खाली जगह को भरने की तैयारी है. इसके अलावा चार पद पहले से ही खाली चल रहे हैं, जिन्हें जल्द भरे जाने की सुगबुगाहट तेज हो गई है.

कुछ नए चेहरों को मिल सकती है जगह
सूत्रों की मानें तो भाजपा (BJP) सरकार का इस विधान सभा चुनाव से पहले आखिरी बार मंत्रिपरिषद का विस्तार हो रहा है. इसमें जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों के हिसाब से समायोजन की संभावना है. इसके अलावा कुछ नए चेहरों को सरकार में जगह मिल सकती है. मौजूदा मंत्रियों में से कुछ की विदाई भी हो सकती है.

अभी सात सीटों पर हुए विधान सभा चुनाव में 6 पर भाजपा ने विजय पाई है. 6 मंत्रियों की जगह खाली होने के कारण विस्तार की प्रबल संभावना दिख रही है. इनमें चार की जगह पहले से खाली थी जबकि दो जगहें चेतन चौहान और कमलरानी वरूण के निधन से रिक्त हो गई हैं. कुछ नए चेहरों का भी समायोजन होना है.

इससे पहले हुए विस्तार में 18 मंत्रियों को शामिल किया गया था...
माना जा रहा है कि दलित और पिछड़े को प्रमुख रूप से जगह दी जानी है. इससे पहले हुए विस्तार में 18 मंत्रियों को शामिल किया गया था. कई कि छुट्टी भी हुई थी. अभी कुल 54 मंत्री हैं, जिनमें 23 कैबिनेट, 9 स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री हैं. इनमें कुछ विवादों में आए हैं और कुछ उम्रदराज लोगों को दूसरी जिम्मेदारी में लगाए जाने की संभावना है. कुछ लोगों को संगठन में भेजा सकता है.

कमलरानी वरूण के निधन के बाद मंत्रिमंडल में महिलाओं की संख्या अपेक्षाकृत कम हो गई है. अब इस संख्या को भी बढ़ाया जा सकता है.

कुछ मंत्रियों की कार्य शैली से मुख्यमंत्री नाराज
सूत्र बता रहे हैं कि कुछ मंत्रियों की कार्य शैली से मुख्यमंत्री (CM Yogi Adityanath) नाराज हैं. उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है. उनकी जगह कुछ नए विधायकों को जगह मिल सकती है, जिससे आने वाले समय में नए वोटरों को जोड़ा सके.

विधान परिषद, पंचायत चुनाव इसके बाद 2022 का विधानसभा चुनाव को देखते हुए योगी सरकार जातीय समीकरण और क्षेत्रीय संतुलन बनाने वाले ऊर्जावान चेहरों को तरजीह दे सकती है.

(इनपुट: IANS)

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