भारत सरकार की ओर से दिए जाने वाले सर्वोच्च नागरिक सम्मान पर योगगुरु रामदेव भी सवाल उठा चुके हैं.
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नई दिल्लीः योगगुरु रामदेव के बाद अब एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने भारत रत्न को दिए जाने को लेकर सवाल उठाए है. ओवैसी का कहना है कि अभी तक कितने दलित, आदिवासियों और गरीब ब्राह्मणों के दिया गया है? महाराष्ट्र के कल्याण में रैली के दौरान ओवैस ने कहा, 'मुझे ये बताओ कि जितने भारत रत्न के सम्मान दिए गए उसमें से कितने दलित, आदिवासी, मुसलमान, गरीबों, ऊंची जातियों और ब्राह्मणों को दिए गए?' ओवैसी यहां प्रकाश आंबेडकर के लिए वोट मांग रहे थे.
ओवैसी ने डॉ भीम राव आंबेडकर को भारत रत्न दिए जाने को भी मजबूरी बताया, उन्होंने कहा, 'बाबा साहब को भारत रत्न दिया गया पर दिल से नहीं दिया गया, मजबूरी की हालत में दिया.'
बता दें कि भारत सरकार की ओर से इस साल दिए गए पद्म पुरस्कारों के संबंध में योग गुरु बाबा रामदेव ने भी निशाना साधा है. गणतंत्र दिवस पर हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ में कार्यक्रम के दौरान उन्होंने सवाल उठाया कि 70 साल में किसी भी संत या संन्यासी को भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया है.
रविवार को रामदेव ने कहा 'दुर्भाग्य है 70 साल में एक भी संत या संन्यासी को भारत रत्न नहीं मिला है. महर्षि दयानंद सरस्वती, स्वामी विवेकानंद जी या शिवकुमार स्वामी जी. मैं भारत सरकार से आग्रह करता हूं कि अगली बार कम से कम किसी संन्यासी को दिया जाए.'
गडकरी मोदी सरकार को दिखा रहे है आईनाः ओवैसी
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने नितिन गडकरी के बयान पर कहा है कि वह पीएम मोदी को आईना दिखा रहे हैं. बता दें कि मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था, ''सपने दिखाने वाले नेता लोगों को अच्छे लगते हैं, पर दिखाए हुए सपने अगर पूरे नहीं किए तो जनता उनकी पिटाई भी करती है, इसलिए सपने वही दिखाओ जो पूरे हो सकें. मैं सपने दिखाने वाले में से नहीं हूं. मैं जो बोलता हूं वो 100 फीसदी डंके की चोट पर पूरा होता है.''