बिहार: शुरुआत में पिछड़ने के बाद BJP ने पकड़ी रफ्तार, महागठबंधन की बढ़त सिमटी
Advertisement
trendingNow1782856

बिहार: शुरुआत में पिछड़ने के बाद BJP ने पकड़ी रफ्तार, महागठबंधन की बढ़त सिमटी

बिहार चुनाव के नतीजों के शुरुआती एक घंटे के रुझान पर यदि नजर डाली जाए तो सबसे पहले राजद के नेतृत्‍व में महागठबंधन तेजी से बढ़त लेती दिखी लेकिन अब एक घंटे के रुझान के बाद ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में एनडीए, महागठबंधन की एकतरफा बढ़त को थामती हुई दिख रही है.

बिहार: शुरुआत में पिछड़ने के बाद BJP ने पकड़ी रफ्तार, महागठबंधन की बढ़त सिमटी

नई दिल्‍ली: बिहार चुनाव के नतीजों के शुरुआती एक घंटे के रुझान पर यदि नजर डाली जाए तो सबसे पहले राजद के नेतृत्‍व में महागठबंधन तेजी से बढ़त लेती दिखी लेकिन अब एक घंटे के रुझान के बाद ऐसा लग रहा है कि नीतीश कुमार के नेतृत्‍व में एनडीए, महागठबंधन की एकतरफा बढ़त को थामती हुई दिख रही है. इस वक्‍त राज्‍य की 243 सीटों में से 191 सीटों के रुझान आ गए हैं. इसमें महागठबंधन को 101 सीटों पर बढ़त दिख रही है तो वहीं पहले काफी पिछड़ने के बाद एनडीए 90 सीटों पर इस वक्‍त आगे है. एनडीए की तरफ से यदि देखा जाए तो उसमें बीजेपी सबसे ज्‍यादा 63 सीटों पर आगे है. वहीं जेडीयू 27 सीटों पर आगे है. पिछले विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 53 सीटें मिली थीं. इस लिहाज से देखें तो इस वक्‍त बीजेपी को पिछले बार की तुलना में 10 सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को पिछली बार 71 सीटें मिली थीं. इस लिहाज से देखा जाए तो एनडीए खेमे में सबसे बड़ा नुकसान जेडीयू को हो रहा है.

इस लिहाज से ये देखना अहम होगा कि लोजपा का प्रदर्शन कैसा है? ऐसा इसलिए क्‍योंकि चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने जेडीयू के खिलाफ मुहिम छेड़ते हुए उसके खिलाफ अपने प्रत्‍याशियों को उतारा है. इस कारण राज्‍य में एनडीए से अलग होकर चिराग ने अकेले चुनाव भी लड़ा. हालांकि अभी लोजपा की स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं है लेकिन जेडीयू को यदि बड़ा नुकसान होता है तो उसके पीछे लोजपा की भूमिका हो सकती है.

तेजस्वी यादव (31) महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं और इस चुनाव में उनका मुकाबला वर्तमान मुख्यमंत्री तथा जदयू नेता नीतीश कुमार से था.

LIVE TV

राघोपुर सीट से तेजस्वी यादव आगे
इस बीच महागठबंधन के प्रमुख चेहरे तेजस्वी यादव राघोपुर सीट से आगे चल रहे हैं. तेजस्वी यादव ने 10 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा किया था. इसके अलावा, मधुबनी से RJD के समीर महासेठ, राजनगर से BJP के रामप्रीत पासवन, फुलपरास से कांग्रेस के कृपानाथ पाठक, लौकहा से JDU लक्षमेश्वर राय, बाबूबरही से LJP के अमर नाथ प्रसाद , बेनीपट्टी से BJP के बिनोद नारायण झा और झांझरपुर से BJP के नीतीश मिश्रा आगे चल रहे हैं. मधेपुरा के आलमनगर से जेडीयू और मधेपुरा सदर से भी जेडीयू आगे चल रही है. कसबा से कांग्रेस के अफाक आलम, रुपौली से जेडीयू की बीमा भारती, धमदाहा से जेडीयू की लेसी सिंह, बलरामपुर विधानसभा से माले के महबूब आलम आगे चल रहे हैं.

नीतीश का भविष्य दांव पर
बिहार में चुनाव प्रचार के दौरान हर दौर में नीतीश ने अपने सुशासन की दुहाई दी और जनता से समर्थन मांगा लेकिन जमीनी हकीकत का शायद उन्हें अहसास चरण दर चरण और रैली दर रैली होने लगा था, तभी तो आखिरी चरण में नीतीश ने आखिरी दांव खेला. नीतीश कुमार के इस बयान के आते ही राजनीतिक पंडितों ने इसके मायने तलाशना शुरू किया. किसी ने इसे आखिरी चरण से जोड़ा, किसी को ये संन्यास का ऐलान लगा तो किसी को इसमें सहानुभूति वाली सियासत नजर आई थी. कई बार तो ऐसा लगा कि जैसे नीतीश थक चुके हैं.

VIDEO

 

Trending news