तेंदुए को पकड़ने के लिए रखा था पिंजरा, हुआ कुछ ऐसा कि कैद हो गई महिला
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तेंदुए को पकड़ने के लिए रखा था पिंजरा, हुआ कुछ ऐसा कि कैद हो गई महिला

जब सुबह के समय काम करने वाले मजदूर खेतों में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पिंजरे में कोई तेंदुआ नहीं बल्कि एक महिला कैद थी.

इसी बीच अनजाने में गांव के बाहर खेतों में रखे पिंजरे में एक वृद्ध महिला कैद हो गई.

तापी(विनायक जाधव /निर्मल त्रिवेदी): गुजरात का डांग और तापी जिला तेंदुओं के अभयारण्य को लेकर काफी मशहूर है. जिले के व्यारा के लोटरवा और भाणावाड़ी इलाकों में अनेक बार जंगली जानवर आ जाते हैं. इसको लेकर गांववालों ने बार-बार अपने इलाको में तेंदुओं के घुस आने की बात वन विभाग से कही. विभाग ने लोगों की सुरक्षा की दृष्टि से गांव के आसपास पिंजरे रखे गए ताकि तेंदुए को पकड़ कर वापस जंगल में छोड़ा जाए, लेकिन एक पिंजरे में एक अनजान वृद्ध महिला फंस गई.

तापी के ग्रामीण इलाकों में तेंदुए आसपास के खेतों तक आ जाते हैं, क्योंकि उन्हें ग्रामीण इलाकों में पशु आसान शिकार नजर आते हैं. इस बात का खतरा गांव के लोगों को भी बना रहता है कि तेंदुए उनपर भी हमला न कर दें. इस बात से खौफ खाए व्यारा के लोटरावा और भणा वाड़ी के लोगों ने कई बार अपने आसपास के इलाकों में तेंदुआ देखे जाने पर वन विभाग को इसकी जानकारी दी. वन विभाग ने तेंदुओं  को पकड़ने के लिए पिंजरे रख दिए.

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इसी बीच अनजाने में गांव के बाहर खेतों में रखे पिंजरे में एक वृद्ध महिला कैद हो गई. वह रातभर उस पिंजरे में बैठी रही. कपकपाती ठण्ड होने की वजह से महिला की तबियत बिगड़ने लगी लेकिन आसपास उसे बचने के लिए कोई नहीं था. जब सुबह के समय काम करने वाले मजदूर खेतों में पहुंचे तो उन्होंने देखा कि पिंजरे में कोई तेंदुआ नहीं बल्कि एक वृद्ध महिला कैद थी. यह देखकर मजदूर चौंक गए. मजदूरों ने इस बात की खबर गांव के सरपंच को दी. इसके बाद गांव के सरपंच ने घटनास्थल पर जाकर उस वृद्ध महिला को बहार निकाला और उसके परिवार को सौंप दिया. महिला को प्राथमिक उपचार दिया गया और अब वो पूरी तरह स्वस्थ है.

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