कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सभी 14 विधायकों ने निर्णय के खिलाफ शीर्ष न्यायालय जाने का फैसला किया है.
Trending Photos
नई दिल्ली : कर्नाटक में पिछले कई दिनों से चल रहे राजनीतिक संकट के बीच राज्य की कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर जाने के बाद बीएस येदियुरप्पा ने 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. लेकिन उनके और बीजेपी के लिए आज यानी 29 जुलाई का दिन काफी अहम है. आज बीएस येदियुरप्पा को कर्नाटक विधानसभा में बहुमत साबित करना है. उन्होंने इसके लिए सुबह 10 बजे का समय दिया था. उनका कहना है कि वह विश्वास मत हासिल कर लेंगे.
रविवार को बेंगलुरु के चांसरी पवेलियन होटल में बीजेपी विधायकों की बैठक हुई. इसमें मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और जगदीश शेट्टार जैसे नेता पहुंचे. इस मीटिंग के बाद पार्टी ने साफ कर दिया था कि सभी बीजेपी विधायक रविवार की रात होटल में ही रहेंगे. सोमवार को सुबह 10 बजे पार्टी अपना बहुमत साबित करेगी. पार्टी में टूट फूट के डर से ऐसा किया जा रहा है.
येदियुरप्पा ने मीटिंग खत्म होने के बाद कहा, हम विधानसभा में बहुमत हासिल करेंगे. इसके अलावा वह अविश्वास प्रस्ताव भी लाएंगे. इसके बाद हमारी सरकार फाइनेंस बिल पेश करेंगे. उम्मीद है कि कांग्रेस और जेडीएस हमें इसमें समर्थन देंगे. फाइनेंस बिल की मियाद 31 जुलाई को समाप्त हो रही है.
बीजेपी के पास इस समय 105 विधायकों का समर्थन है. वह राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन बहुमत के आंकड़े से दूर है. राज्य विधानसभा में 224 विधायक हैं. ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 113 बैठता है. कांग्रेस और जेडीएस के कुल 17 विधायक बगावत कर चुके हैं. विधानसभा स्पीकर उन्हें अयोग्य घोषित कर चुके हैं. अगर वह सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं लेते हैं तो बीजेपी आसानी से विश्वासमत हासिल कर लेंगी.
कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार द्वारा अयोग्य घोषित किए जाने के बाद सभी 14 विधायकों ने निर्णय के खिलाफ शीर्ष न्यायालय जाने का फैसला किया है. अपनी पार्टियों द्वारा व्हिप जारी किए जाने के बावजूद ये विधायक 23 जुलाई को सदन में उपस्थित नहीं हुए थे. इसके बाद कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिर गई.
कर्नाटक विधानसभा में येदियुरप्पा सरकार के विश्वास मत से ठीक एक दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष ने रविवार को कार्रवाई करते हुए कांग्रेस के 11 और जनता दल-सेकुलर (जद-एस) के तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया. विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय से नारज सभी 14 विधायकों ने अब सोमवार को इस बाबत सर्वोच्च न्यायालय जाने का फैसला किया है.