राज्य के चुराइबारी स्टेशन पर पिछले महीने से खड़ी यह ट्रेन कई लोगों के मुस्कुराने की वजह बनी है.
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चुराइबारी (त्रिपुरा) : लाइफलाइन एक्सप्रेस ने त्रिपुरा के दूर-दराज ग्रामीण इलाकों में पिछले करीब 20 दिनों में 8,000 मरीजों का इलाज किया है. राज्य के चुराइबारी स्टेशन पर पिछले महीने से खड़ी यह ट्रेन कई लोगों के मुस्कुराने की वजह बनी है.
30 वर्षीय मजदूर विश्वजीत चंदा अपने बेटे के कटे होंठ (क्लेफ्ट लिप) की सर्जरी के लिए पैसे जुटाने को लेकर परेशान थे लेकिन इस ट्रेन ने उनके दो वर्षीय बेटे के चेहरे की मुस्कान लौटा दी.
जीवनरेखा एक्सप्रेस (लाइफलाइन एक्सप्रेस) एक अस्पताल ट्रेन है जो ऐसे दूरस्थ इलाकों में जाकर चिकित्सीय मदद उपलब्ध कराती है जहां ऐसी सुविधाएं सीमित हैं. गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) इम्पैक्ट इंडिया फाउंडेशन एवं भारतीय रेलवे और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 1991 में शुरू की गई इस एक्सप्रेस ट्रेन ने अपने उद्घाटन के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में 199 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया.
चंदा ने कहा, “जीवनरेखा एक्सप्रेस ने बिना किसी राशि के एक हफ्ते तक मेरे ठहरने एवं खाने का इंतजाम किया और मेरे बेटे की सर्जरी की.”
अस्पताल ट्रेन के संयुक्त निदेशक अनिल प्रेमसागर ने बताया कि पहले दो दिनों में करीब 1200 मरीजों का मोतियाबिंद का इलाज किया गया. इसके अलावा मुंबई, दिल्ली एवं बेंगलुरु के चिकित्सकों समेत अन्य चिकित्सकों ने 17 दिनों में कैंसर के 900 मरीजों और दांत की समस्या से पीड़ित इतने ही मरीजों का इलाज किया है.