बच्चे के पिता ने बताया था कि उन्होंने अस्पताल (Hospital) का बिल चुकाने के लिए दो दिन का वक्त मांगा था, लेकिन जब वो बिल जमा नहीं कर सके तो अस्पताल प्रबंधन ने उनके बच्चे को एक लाख रुपये में खरीद लिया और बिल के पैसे काटकर उन्हें 65 हजार रुपये दे दिए थे.
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आगरा: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आगरा (Agra) जिले में एक अस्पताल द्वारा 1 लाख रुपये में बच्चा खरीदने के मामले में ZEE मीडिया की खबर का असर हुआ है. अब मां को अपना बच्चा वापस मिल गया है. ZEE मीडिया पर खबर दिखाए जाने के बाद आगरा प्रशासन ने कार्रवाई की और मां को उसके नवजात बच्चे से दोबारा मिलवाया.
दोनों पक्षों की सहमति से बच्चा हुआ वापस
अस्पताल प्रबंधन और बच्चे के माता-पिता दोनों पक्षों की सहमति से बच्चा वापस हुआ है. दिलीप मंगल ने गरीब मां को उसका बच्चा वापस कर दिया है. इस मामले में अभी तक पुलिस में किसी ने भी लिखित शिकायत नहीं दर्ज करवाई है. इस मामले की जांच एडिशनल सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ छत्ता कर रहे हैं.
बिल नहीं चुकाने पर बच्चा खरीदने का लगा था आरोप
बता दें कि आगरा जिले के एक अस्पताल ने प्रसव पर आए बिल को चुकाने में असमर्थ दंपत्ति से कथित रूप से उसका बच्चा खरीद लिया था. इस बाबत सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच के लिए अस्पताल के चार कमरों को सील कर दिया था.
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35 हजार रुपये था अस्पताल का बिल
बच्चे के पिता शंभूनगर यमुनापार निवासी शिवचरण ने आरोप लगाया था कि उसकी गर्भवती पत्नी बबीता ने 24 अगस्त को सर्जरी के बाद बच्चे को जन्म दिया. फिर अस्पताल ने उसे प्रसव का 35 हजार रुपये का बिल बताया, जो उसके पास नहीं थे.
पिता ने अस्पताल से मांगा था दो दिन का वक्त
शिवचरण ने बताया था कि उन्होंने अस्पताल का बिल चुकाने के लिए दो दिन का वक्त मांगा था, लेकिन जब वो बिल जमा नहीं कर सके तो अस्पताल प्रबंधन ने उनके बच्चे को एक लाख रुपये में खरीद लिया और बिल के पैसे काटकर उन्हें 65 हजार रुपये दे दिए थे.
इस संबंध में अस्पताल की संचालक सीमा गुप्ता ने कहा था कि शिवचरण ने लिखित एग्रीमेंट करके बच्चे को गोद दिया. शिवचरण एक रिक्शा चालक हैं.
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