मुंबई: आमतौर पर मुसाफिर ट्रेनों (Trains) में सुविधाएं नहीं होने का रोना रोते रहते हैं. कभी टॉयलेट (Toilet) में नल नहीं होने तो कभी पंखा (fan) काम नहीं करने की शिकायत भी आम तौर पर करते रहते हैं. लेकिन, क्या मुसाफिर (passenger) खुद भी इसके लिए कम जिम्मेदार नहीं होते. इसका उदाहरण गड़ग एक्सप्रेस और पुणे (Pune) जाने वाली डेक्कन एक्सप्रेस (Deccan Express) में देखने को मिला है. उत्कृष्ट प्रोजेक्ट के तहत रेलवे ने इन दोनों ट्रेनों में बेहतरीन ब्रांड के नल और अन्य सामान लगाए थे. लेकिन चोरों ने इसे भी नहीं बख्शा और नल समेत करीब तीन लाख रुपए का सामान चुरा लिया. अगर इनके फिटिंग्स (fitings) करने का खर्च भी मिला लें तो यह रकम करीब पांच लाख रुपए (5 Lakh Rupees) की हो जाती है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING


आइए आपको बताते हैं कि चोरों ने क्या-क्या सामान चोरी किया है...



मुंबई-पुणे डेक्कन एक्सप्रेस
- ट्रेन (Train) में लगे 60 फ्लशर वॉल्व में से 20 वॉल्व चोरी
- 60 में से 20 हेल्थ फासेट चोरी
- 120 में से 51 नल चोरी (theft)



इसी तरह मुंबई (Mumbai) के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से गड़ग जाने वाली गड़ग एक्सप्रेस से भी चोरी हुई है...
- 40 में से 27 फ्लशर वॉल्व चोरी
- 40 में से 16 हेल्थ फासेट चोरी
- 80 में से 27 नल चोरी


देखें लाइव टीवी




दोनों ट्रेनों में कुल मिलाकर 169 फिटिंग्स की चोरी हुई है. ये सारी चीजें नामचीन ब्रांड की (Branded) लगी हुई थीं. रेलवे (Railway) ने अपने उत्कृष्ट प्रोजेक्ट के तहत मुसाफिरों को प्रीमियम सुविधा (Premium Service) देने के लिए ये नामचीन ब्रांड के सामान लगाए थे. लेकिन, जिस तरह टॉयलेट (Toilet) से इनकी चोरी की गई है वो सवाल उठाती है कि सिर्फ रेलवे को दोष देने से क्या होगा, मुसाफिरों को भी सुधरने की जरूरत है.



हालांकि रेलवे (Railway) इस बात की जांच कर रही है कि सामान कहां चोरी हुए हैं. लेकिन, माना जा रहा है कि यह चोरी (Train) तब की गई जब आखिरी स्टेशन आते वक्त ट्रेन खाली हो जाती है. यार्ड में ट्रेन की सुरक्षा (Security) का पूरा इंतजाम होता है इसलिए वहां चोरी की संभावना कम ही है.