राजस्थान की शान रूमा देवी अब KBC में करेंगी शिरकत, जानिए उनके संघर्ष की पूरी कहानी
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राजस्थान की शान रूमा देवी अब KBC में करेंगी शिरकत, जानिए उनके संघर्ष की पूरी कहानी

जीवन में इस मुकाम पर पहुंचने के लिए  रूमा देवी ने कई संघर्ष किए और अपनी जिंदगी को बदल दिया.

आज रूमा देवी के साथ 75 गांवों की 22 हजार महिलाएं काम करती हैं.

भूपेश आचार्य/बाड़मेर: एक छोटी सी प्रेरणा किसी की जिंदगी बदल सकती है. बाड़मेर की रहने वाली रूमा देवी की जिंदगी ऐसी ही संघर्ष की कहानी है. अपने डेढ़ साल के बेटे की मौत के बाद रूमा देवी ने जीवन से हार नहीं मानी. बल्कि, वह सैकड़ों महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गईं. अपनी उपलब्धियों की बदौलत रूमा देवी को ना सिर्फ राष्ट्रपति अवार्ड मिला. वहीं, अब वो कौन बनेगा करोड़पति में भी नजर आने वाली हैं.
 
रूमा देवी यहां ऐसे ही नहीं पहुंची हैं. जीवन में इस मुकाम पर पहुंचने के लिए उन्होने कई संघर्ष किए और अपनी जिंदगी बदल दिया. अभावों में पली-बढ़ी रूमा देवी की शादी के बाद डेढ़ साल के बेटे की उपचार के अभाव में मृत्यु हो गई. रूमा की जिंदगी यहां से बदल गई. उन्होंने अपनी दादी से सीखे हुए कशीदे के कार्य को आगे बढ़ाया. 

बाड़मेर में आज रूमा देवी के साथ 75 गांवों की 22 हजार महिलाएं काम करती हैं. सिर्फ आठवीं तक की पढ़ाई करने वाली रूमा देवी के संघर्ष और और सफलता को देखते हुए राष्ट्रपति ने नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया. रूमा देवी के कशीदे के काम से 22 हजार महिलाओं को आर्थिक संबल मिल रहा है. साथ ही, एपलिक का कार्य देश विदेश तक पहुंचा भी इनका मकसद है. फैशन के रैंप पर पहुंचकर रूमा खुद कई अवार्ड हासिल कर चुकी हैं.

रूमा देवी के मुताबिक, जब रूमा देवी को कौन बनेगा करोड़पति से कॉल आया तो पहले उन्हें यकीन नहीं हुआ. लेकिन, जब सोनाक्षी सिन्हा के साथ स्टेज साझा किया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा. रूमा देवी ने बताया कि जब अमिताभ बच्चन बार बार बाड़मेर का जिक्र कर रहे थे तो उन्हें फक्र महसूस हो रहा था. केबीसी के सेट पर रूमा देवी ने अमिताभ बच्चन को एपलिक वर्क से जुड़ी चद्दर भेंट की. रूमा देवी के साथ काम करने वाली 10 महिलाएं भी उनके साथ केबीसी के सेट पर मौजूद थीं.
 
गौरतलब है कि 8 मार्च को रूमा देवी को राष्ट्रपति ने रूमा देवी को नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया. अब केबीसी तक पहुंचने का सफर ना सिर्फ उनके कठिन मेहनत को दिखाता है बल्कि, रूमा की कहानी लोगों को सीख भी देती है कि हार जाना जीवन नहीं है बल्कि, संघर्ष करना जीवन है. यह कार्यक्रम 20 सितंबर को प्रसारित होगा. करीब 2 घंटे के इस विशेष एपिसोड में अमिताभ बच्चन के सामने हॉट शीट पर बाड़मेर की रूमादेवी और उनके सहयोग में सोनाक्षी सिन्हा होंगी. बाड़मेर की 10 महिलाएं जो कशीदकारी का कार्य करती हैं दर्शक दीर्घा में होंगी.

-- Abhijat shekhar, news desk

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