मुंबईः जम्मू और कश्मीर में भारी मात्रा में सेना की मौजूदगी को लेकर ना सिर्फ कश्मीरी और राजनीतिक पार्टियां बल्कि पूरा देश की जिज्ञासा में है. इसी जिज्ञासा के बीच मोदी सरकार की प्रमुख सहयोगी शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की जमकर तारीफ की है. शिवसेना ने सामना के संपादकीय में लिखा है,'आतंकवादियों के डर से सरकार ने अमरनाथ यात्रियों को रोक दिया है और यह फैसला क्यों लिया गया इसका पता भविष्य में पता चलेगा.'


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अमित शाह की तारीफ करते हुए सामना ने लिखा है, 'जब भी कोई गृहमंत्री कश्मीर जाता है तो उसे विरोध झेलना पड़ता है पर इस बार जब अमित शाह कश्मीर गए तो सभी अलगाववादी और आतंकवादियों ने दुम दबा ली.'



पिछली कांग्रेस सरकार को खरी सुनते हुए सामना ने लिखा, 'अब केंद्र में हिन्दू विरोधी और आतंकियों के सामने दबने वाली सरकार नहीं रही. सरकार कौन सा कदम उठाएगी ये हमेशा कि तरह गोपनीय है, नोटबंदी कि तरह. सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि अगर सरकार आतंकवादियों के विरोध में कोई भी कदम उठा रही है तो उससे निसन्देह आगे बढ़ना चाहिए और पूरा देश उनके साथ है. कश्मीर का मुद्दा चर्चा से हाल होगा इस भ्रम को मिटाना होगा ये मुद्दा अब सेना की कार्रवाई से ही दूर होगा.' 



महबूबा मुफ्ती पर सवाल करते हुए शिवसेना ने लिखा है, 'उन्हें लगता है कि आर्टिकल 35A हटाने के लिए सरकार ने सेना भेजी है, इस धारा को हटाना मोदी का कर्तव्य है. महबूबा मुफ्ती और अलगाववादियों कि भाषा आतंकवादियों कि तरह है शाह को इसे सहन नहीं करना चाहिए.' 


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मुफ्ती पर दंगे भड़काने के आरोप लगते हुए सामना ने UAPA कानून का समर्थन किया और इससे मुफ्ती पर इस्तेमाल करने की सलाह दी है. शिवसेन ने लिखा है, 'आने वाली 15 तारिक को कश्मीर में लगे सभी हरे झंडे को निकालकर तिरंगा फहराना है, साथ है इस बात पार नजर होगी कि इस बार मोदी लाल किले से क्या घोषणा करते हैं.'