अगर रिज मैदान का यह हिस्सा धंस गया तो टैंक को भी खतरा हो सकता है, जिससे समूचे शहर में तबाही मच सकती है. शिमला का पूरा पानी के टैंक के फटने की सूरत में पूरे नॉर्थ जोन में तबाही मचा सकता है.
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(मोहित प्रेम शर्मा)/शिमलाः पहाड़ों की रानी शिमला का दिल कहे जाने वाले ऐतिहासिक रिज मैदान का भार उठा रहे पेयजल टैंक में दिनों-दिन दरारें बढ़ रही हैं. टैंक को बचाने के लिए शिमला जल प्रंबंधन कंपनी ने कवायद शुरू कर दिए हैं. टैंक में पड़ी दरारों का निरीक्षण करने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एक्सपर्ट की टीम शिमला पहुंची और टीम ने टैंक के अंदर पड़ी दरारों सहित टैंक के बाहर का निरीक्षण किया. एक्सपर्ट की टीम इन दरारों को कैसे भरा जाए इसका सुझाव जल प्रबंधन निगम को देगी. जिसके बाद निगम टैंक की दरारें भरने का काम शुरू करेगी. जल प्रबंधन निगम ने कहा कि टैंक के सफाई के दौरान दरारें देखी गई थीं और इन दरारों को कैसे भरा जाए, इसके लिए पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है. टैंक का जायजा लेने के लिए आज एक टीम यहां पहुंची थी, जिनके सुझावों के बाद इन दरारों को भरने का काम शुरू किया जाएगा.
बता दें ऐतिहासिक रिज मैदान के नीचे पूरे शिमला शहर को जलापूर्ति करने वाला ब्रिटिशकालीन वॉटर स्टोरेज टैंक है. इस टैंक में 45 लाख लीटर पानी स्टोर करने की क्षमता है. ऐसे में रिज पर बढ़ती दरारों से वॉटर टैंक को भी खतरा हो सकता है. अब शिमला जल प्रंबंधन कंपनी टैंक को बचाने की कवायद में जुट गई है, ताकि समय रहते इसकी दरारों को बढ़ने से रोका जा सके. हांलाकि कंपनी का दावा है कि रिज टैंक की दरारों का समय रहते री-स्टोरेशन वर्क पूरा कर लिया जाएगा. फिलहाल, दरार वाली जगह बैरिकेटिंग कर दी गई है.
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बीते माह हुई भारी बारिश ने शहर में जमकर तबाही मचाही थी. नगर निगम मेयर कुसुम सदरेट ने बताया कि भारी बारिश से शहर में जगह-जगह भूस्खलन हुआ है और रिज मैदान पर भी काफी दरारें दिखाई दे रही हैं. भारी बारिश की वजह से रिज मैदान पर करीब 3 से 4 इंच तक दरारें पड़ गई हैं और रिज का एक हिस्सा करीब एक फीट से ज्यादा बैठ गया है, इससे कभी भी हादसा हो सकता है. कुछ लोगों का कहना है कि हर साल बारिश के बाद रिज मैदान का एक हिस्सा लगातार धंस रहा है. इससे पहले करीब 8 साल पहले भी 2011 में रिज का एक भाग लक्कड़ बाजार बस स्टैंड की तरफ धंस गया था और तिब्बतियन मार्केट की कई दुकानें चपेट में आ गईं थी.
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हर साल की तरह इस साल भी स्थाई समाधान न करके इसकी लीपापोती की जा रही है. ऐतिहासिक रिज मैदान के धंसने पर शहर के बुजुर्ग काफी चिंतित हैं. उनका कहना है कि शिमला स्मार्ट सिटी में आ चुका है और केंद्र की तरफ से पैसे की कोई कमी नहीं है, लेकिन स्थानीय प्रशासन का ढीला रवैया बेहद चिंताजनक है. रिज मैदान के नीचे शिमला शहर को जल आपूर्ति करने वाला टैंक है. अगर रिज मैदान का यह हिस्सा धंस गया तो टैंक को भी खतरा हो सकता है, जिससे समूचे शहर में तबाही मच सकती है. शिमला का पूरा पानी के टैंक के फटने की सूरत में पूरे नॉर्थ जोन में तबाही मचा सकता है.