गांव वालों की मानें तो वन विभाग को लगातार तेंदुए की आतंक और उससे घायल हो रहे लोगों ने शिकायत की थी.
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गोलाघाटः असम के गोलाघाट जिला के नुमुलीगढ़ मुरफुलानित में तेंदुए के आतंक से कई दिनों से चाय बगान के आदिवासी श्रमिक परेशान थे. तेंदुए के आतंक से परेशान श्रमिकों ने इस बात की जानकारी वन विभाग के अधिकारियों को दी. जब वन विभाग के अधिकारियों ने इस मामले पर कोई कार्रवाई नहीं की तो ग्रामीणों ने परेशान होकर तेंदुए पर धारदार हथियार से हमला कर दिया और उसे मौत के घाट उतार दिया.
गांव वालों की मानें तो वन विभाग को लगातार तेंदुए की आतंक और उससे घायल हो रहे लोगों ने शिकायत की थी. उन्होंने कहा कि वन विभाग के लोगों को इसकी सूचना मिलने के बावजूद जब वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए कोई कदम नहीं उठाया और वन विभाग के रेंजर और अन्य वन अधिकारियों के सामने तेंदुए ने जब एक गांववाले को घायल कर दिया, तब उत्तेजित गांववालों ने तेंदुए को पकड़ने की ठान ली और पेड़ पर चढ़कर तेंदुए को पकड़ कर घसीटते हुए बेरहमी से कुल्हाड़ी, फरसा से हमला कर हत्या कर दी.
गोलाघाट नुमुलीगढ़ के एक शख्स ब्रजेन फूकन का कहना हैं की गांववालों ने बारम्बार वन विभाग को तेंदुए के आतंक से घायल हो रहे लोगों के बारे में सुचना दी थी. तेंदुए के आतंक के चलते हमारे किसान, चाय श्रमिक खेत खलिहान के तरफ निकलने से ड़रने लगे थे. उन्होंने बताया कि जब वन विभाग तेंदुए के तलाश में आया, तो उसी समय तेंदुए ने गांव के एक और आदमी पर हमला कर दिया, जिससे गांव के युवा उत्तेजित हो उठे और तेंदुए को खुद ही पेड़ पर चढ़कर पकड़ लिया और उसे मौत के घाट उतार दिया.