सिनेमा हॉल, मल्टीप्लेक्स मालिकों ने स्पष्ट कर दिया है कि वे अभी तमाम बाधाओं के कारण सिनेमा हॉल नहीं खोल रहे हैं. सिनेमाघर न खोलने के पीछे मुख्य कारण रखरखाव की बढ़ी लागत बताई जा रही है.
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हैदराबाद: अनलॉक 5.0 (Unlock 5.0) के तहत केंद्र ने भले ही सिनेमाघरों (Cinema Hall) को कुल क्षमता की आधी संख्या के साथ खोलने की अनुमति दे दी हो लेकिन आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) में अभी भी सिनेमाघर बंद ही रहेंगे. फिल्म प्रदर्शकों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे तमाम बंदिशों के बाद उत्पन्न हुए आर्थिक बोझ की वजह से फिलहाल सिनेमाघर शुरू नहीं कर सकते. सिनेमाघरों के मालिकों के मुताबिक रखरखाव की लागत इस कदम में प्रमुख बाधा बन गई है.
स्क्रीनिंग के लिए नई फिल्में न होना भी बड़ा मुद्दा
वित्तीय बोझ के अलावा सबसे बड़ा मुद्दा स्क्रीनिंग के लिए नई फिल्मों की कमी भी है. चूंकि कोरोनो वायरस (Coronavirus) लॉकडाउन के कारण फिल्मों की शूटिंग पांच महीने से अधिक समय से रुकी हुई हैं इसलिए कोई भी बड़ी तेलुगु फिल्म (Telugu Movies) तुरंत रिलीज के लिए तैयार ही नहीं है. महेश बाबू, अल्लू अर्जुन और प्रभास जैसे बड़े सितारों की फिल्मों को उम्मीद है कि अगले साल जनवरी में संक्रांति उत्सव के लिए स्क्रीन हिट होगी.
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जाने-माने निर्माता-निर्देशक अनिल सुनकारा ने कहा है कि अभी तक फिल्मों की शूटिंग शुरू नहीं हो पाई है. फिल्मों की शूटिंग तभी गति पकड़ सकती है जब सिनेमा हॉल फिर से खुलेंगे लेकिन नई फिल्मों को रिलीज होने में कुछ समय और लगेगा. दूसरी तरफ फिल्म प्रदर्शकों का कहना है कि उनके सामने सिनेमा हॉल को फिर से खोलने के लिए समस्याओं का पिटारा है.
बिजली बिल माफ करने की मांग
आंध्र फिल्म प्रदर्शक एसोसिएशन (Andhra Film Exhibitors Association) के अध्यक्ष के एस प्रसाद ने कहा कि राज्य सरकार को पहले उनके बिजली बिल माफ करने चाहिए. फिल्म उद्योग के प्रमुखों के साथ एक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बिल माफ करने का वादा भी किया था लेकिन इस बाबत आदेश अब तक जारी नहीं किए गए हैं. उन्होंने कहा कि सिनेमाघरों के मालिकों ने सूचना और जनसंपर्क मंत्री पेरनी वेंकटरामैया के साथ इस मुद्दे पर चर्चा की है.
500 से अधिक सिनेमाघर पड़े हैं बंद
राज्य में 500 से अधिक सिनेमा थिएटर कोरोनो वायरस के कारण लगे लॉकडाउन के कारण पिछले छह महीनों में बिजली बिलों का भुगतान नहीं कर सके हैं, हालांकि सरकार ने केवल न्यूनतम शुल्क लगाया है. प्रत्येक थियेटर को बिजली शुल्क के रूप में न्यूनतम 4 लाख रुपए प्रति माह देने पड़ते हैं. फिल्म प्रदर्शक एसोसिएशन के सचिव गोरंतला बाबू ने कहा कि कुल बकाया राशि लगभग 12 करोड़ रुपये हो गई है.
4 लाख रुपए अतिरिक्त बढ़ गया है बिल
इसके अलावा अब प्रत्येक थियेटर को कोविड -19 नियमों को लागू करने के लिए कम से कम 4 लाख रुपए अतिरिक्त खर्च करने होंगे. अन्य खर्चों के साथ सिनेमाघरों को फिर से खोलने के लिए महीने में कम से कम 10 लाख रुपए खर्च करने की जरूरत है.
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