अयोध्या पहुंचे CM योगी, प्रभु श्रीराम लला के दर्शन किए; करेंगे तैयारियों की समीक्षा
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अयोध्या पहुंचे CM योगी, प्रभु श्रीराम लला के दर्शन किए; करेंगे तैयारियों की समीक्षा

राम के धाम अयोध्या में भूमि पूजन को भव्य बनाने के लिए खास तैयारियां चल रही हैं. करीब 500 साल के बाद रामभक्तों की इच्छा पूरी होने जा रही है.

CM योगी ने प्रभु श्रीराम लला के दर्शन किए.

अयोध्या: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) अयोध्या पहुंच चुके हैं. सीएम योगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के 5 अगस्त के दौरे से पहले भूमि पूजन कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेंगे और साधु-संतों से भी मुलाकात करेंगे. राम के धाम अयोध्या में भूमि पूजन को भव्य बनाने के लिए खास तैयारियां चल रही हैं. करीब 500 साल के बाद रामभक्तों की इच्छा पूरी होने जा रही है.

सीएम योगी ने श्री राम जन्मभूमि जाकर प्रभु रामलला के दर्शन किए. उन्होंने प्रभु लक्षमण, प्रभु भरत और शत्रुघ्न को नए सिंहासन पर विराजमान किया. इसके अलावा हनुमान गढ़ी जाकर भगवान हनुमान जी के दर्शन भी किए. फिर सीएम योगी कार्यशाला गए और अब कारसेवकपुरम में संतो के साथ बैठक कर रहे हैं. शाम 5 बजे वो यहां से गोरखपुर जाएंगे.

सीएम योगी ने राम मंदिर परिसर में निरीक्षण किया. वो पीएम मोदी की यात्रा से पहले कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते हैं. 5 अगस्त को अयोध्या में श्री राम जन्म भूमि मंदिर की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे. इसके लिए काशी से पांच विद्वानों को अयोध्या जाना है. उन 5 विद्वानों की निगरानी में ही श्री राम जन्म भूमि मंदिर का भूमि पूजन होना है. काशी के इन 5 गणमान्य लोगों में 3 ज्योतिषी और 2 संत शामिल हैं. ये 4 अगस्त को ही अयोध्या पहुंच जाएंगे और अपने साथ काशी विश्वनाथ मंदिर से बाबा विश्वनाथ के शिवलिंग को स्पर्श करवाए हुए 5 चांदी के बिल्व पत्र जिसमें जय श्री राम लिखा होगा, सवा पाव चंदन और गंगा की मिट्टी भी लाएंगे.

कोरोना काल में भूमि पूजन के लिए दो गज की दूरी का पालन करते हुए खास तैयारियां की गई हैं. मठ मंदिरों में अनुष्ठान होंगे तो घर-घर दीप जलाकर खुशियां मनाई जाएंगी. दूसरी तरफ सरयू आरती में भी उत्साह दिखेगा.

इसके अलावा सरयू की महाआरती को भव्य बनाने की तैयारी है लेकिन कोरोना को ध्यान में रखकर सब कुछ लोग व्यक्तिगत करेंगे, कोई सामूहिक आयोजन नहीं होगा. भूमि पूजन के दिन अयोध्या में दीवाली की झलक देखने को मिल सकती है.

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काशी विद्वत परिषद के मंत्री प्रोफेसर रामनारायण द्विवेदी का कहना है कि श्री काशी विश्वनाथ को बिल्व पत्र सबसे ज्यादा प्रिय है. इस वजह से काशी से रजत बिल्व पत्र अयोध्या ले जाया जा रहा है. रजत बिल्व पत्र पर जय श्री राम लिख कर बाबा विश्वनाथ को स्पर्श करवाकर श्री राम जन्म भूमि के शिलान्यास में शामिल किया जाएगा. भगवान शिव के द्वारा समर्पित बिल्व पत्र भगवान श्री राम के मंदिर में जाएगा तो मंदिर की भव्यता और दिव्यता बढ़ जाएगी. इसके साथ ही मंदिर निर्माण में किसी भी तरह का विघ्न भी नहीं आएगा.

काशी से चांदी के बिल्व पत्र के अलावा सवा पाव चंदन की लकड़ी और मां गंगा की मिट्टी भी अयोध्या ले जाई जा सकती है. विद्वानों का अनुरोध है कि शिलान्यास के समय अन्य नदियों की मिट्टी के साथ मां गंगा की भी मिट्टी को सम्मिलित किया जाना चाहिए. इसके लिए विद्वान फिलहाल विचार कर रहे हैं.

वीएचपी ने कहा है कि पूरा देश अयोध्या में प्रधानमंत्री का इंतजार कर रहा है और उनके नेतृत्व में श्री राम मंदिर का भूमिपूजन होगा. इस शुभ दिन को अयोध्यावासी उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं.

राम मंदिर की नींव में चांदी की ईंट रखी जाएगी. यूपी के बुलंदशहर से सर्राफ एसोसिएशन की ओर से पांच किलो वजन की करीब पांच चांदी की ईंटें भगवान श्री राम मंदिर ट्रस्ट के लिए अयोध्या भेजी गई हैं.

कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार के मुताबिक राम मंदिर के लिए PoK स्थित पवित्र शारदा पीठ की मिट्टी भी भेजी गई है. अयोध्या में राम मंदिर भूमिपूजन में कुल 200 लोग ही रहेंगे. ZEE NEWS लगातार आपको राम मंदिर निर्माण की सबसे सटीक और प्रामाणिक खबर दिखा रहा है. हमने ही सबसे पहले नए प्रस्तावित मॉडल की तस्वीर भी आपको दिखाई थी.

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