PM Cares Fund पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, NDRF में ट्रांसफर नहीं होगा पैसा
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PM Cares Fund पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, NDRF में ट्रांसफर नहीं होगा पैसा

PM Cares Fund में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका खारिज कर दी. कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर PM Cares Fund ट्रस्ट का गठन किया गया है.

PM Cares Fund पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की, NDRF में ट्रांसफर नहीं होगा पैसा

नई दिल्ली: PM Cares Fund में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (NDRF) में ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में दायर याचिका खारिज कर दी. कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर PM Cares Fund ट्रस्ट का गठन किया गया है.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एनडीआरएफ में योगदान करने के लिए किसी भी व्यक्ति और कॉर्पोरेट्स के लिए कोई वैधानिक बाधा नहीं है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकार PM Cares Fund की राशि को उचित जगह ट्रांसफर करने के लिए स्वतंत्र है क्योंकि ये दोनों फंड अलग हैं.

सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था.  इस याचिका में PM Cares Fund में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष  NDRF फंड में ट्रांसफर करने की मांग की गई थी.

इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि एनडीआरएफ फंड भी सीएसआर लाभ के लिए पात्र है. वहीं कपिल सिब्बल ने तर्क दिया था कि एनडीआरएफ में कॉर्पोरेट्स का योगदान नहीं होगा क्योंकि एनडीआरएफ का योगदान सीएसआर के माध्यम से नहीं हो सकता है और उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा.

वहीं सीनियर वकील दवे ने कहा था कि आपदा राहत के लिए योगदान देने वाले हर फंड को एनडीआरएफ को हस्तांतरित किया जाना चाहिए. कैसे PM Cares Fund निजी है जबकि इसके ट्रस्टी मंत्री हैं और कैसे PM Cares Fund को सीएसआर का फायदा दिया जा रहा है?

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सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने यह फंड बनाए जाने का बचाव किया था. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर केंद्र सरकार ने कहा था कि पीएम केयर फंड बनाने पर रोक नहीं है. राष्ट्रीय या राज्य आपदा के समय पीएम केयर फंड दूसरे फंड पर रोक नहीं लगाते हैं. लोग इस फंड में स्वेच्छा से दान दे सकते हैं. इसलिए सारा पैसा NDRF में ट्रांसफर करने की मांग सुनवाई योग्य नहीं है. केंद्र सरकार ने इस मामले में दायर जनहित याचिका खारिज करने की मांग की थी.

वहीं CPIL की ओर से मामले की पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने केंद्र सरकार पर कई अनियमितताओं के आरोप लगाए थे. प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार को डीएमए के अनुसार कोविड -19 को शामिल करने के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करनी चाहिए. इस योजना में केंद्र को राहत के लिए न्यूनतम मानक जारी करने चाहिए.  पीएम केयर फंड की सभी रसीदें सीएजी की ओर से ऑडिट कर इसकी जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए. जिस धनराशि का खुलासा नहीं किया गया है. उन सभी को NDRF कोष में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.

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