Supreme Court Comment on Nupur Sharma: विश्व हिंदू परिषद (VHP ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) की याचिका ठुकराए जाने पर निराशा जताई है. VHP ने कहा कि इस फैसले से नूपुर शर्मा की जान को खतरा और बढ़ गया है.
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Supreme Court Comment on Nupur Sharma: विश्व हिंदू परिषद (VHP ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट की ओर से नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) की याचिका ठुकराए जाने पर निराशा जताई है. VHP ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को नूपुर के खिलाफ देशभर में दर्ज मुकदमों को एक साथ क्लब करने की अनुमति देनी चाहिए थी. उसे वाकई जान का खतरा है, कोर्ट की इन टिप्पणियों से यह खतरा और बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी से निलंबित चल रही नूपुर शर्मा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की आलोचनात्मक टिप्पणियां उसके आदेश का हिस्सा नहीं हैं.
कोर्ट की टिप्पणियों से नूपुर की जान को खतरा बढ़ा
VHP के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) के खिलाफ देश भर में कई प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. उन्हें इन सभी मामलों के सिलसिले में यात्रा करनी होगी, जो अनावश्यक है. इससे उनकी सुरक्षा को खतरा रहेगा. जब एम एफ हुसैन ने अश्लील कार्टून बनाए, तो उनके खिलाफ दर्ज सभी मामलों को जोड़ दिया गया था. उन्हें (नुपुर) भी ऐसी राहत मिलनी चाहिए थी. मैं निराश हूं कि उन्हें यह नहीं मिली.
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियां अनौपचारिक
आलोक कुमार ने कहा, ‘नुपुर शर्मा (Nupur Sharma) ने कानून के तहत अपराध किया है या नहीं, यह शीर्ष अदालत के समक्ष मुद्दा नहीं था. यह एक मजिस्ट्रेट (अदालत) द्वारा गवाहों के बयान दर्ज करने और मामले में शामिल पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तय किया जाएगा.’ उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की टिप्पणियां अनौपचारिक थीं और उन्हें उसका फैसला नहीं माना जा सकता.
नूपुर शर्मा का अपनी जुबान पर काबू नहीं
इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) की याचिका पर तीखी टिप्पणियां की थी. कोर्ट ने कहा, ‘देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए नूपुर शर्मा अकेले जिम्मेदार हैं. उनका (शर्मा का) अपनी जुबान पर काबू नहीं है और उन्होंने टेलीविजन चैनल पर गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए हैं तथा पूरे देश को आग में झोंक दिया है. लेकिन फिर भी वह 10 साल से वकील होने का दावा करती हैं. उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए तुरंत पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी.’
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला का फैसला
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) पर बरसते हुए कहा कि उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के बारे में टिप्पणी या तो सस्ता प्रचार पाने के लिए या किसी राजनीतिक एजेंडे के तहत या किसी घृणित गतिविधि के तहत की. इसके साथ कोर्ट ने नूपुर शर्मा के खिलाफ देशभर में दर्ज मुकदमों को क्लब कर दिल्ली ट्रांसफर करने की याचिका ठुकरा दी.
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