सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यक की परिभाषा और नियम तय करने के लिए 90 दिन का दिया समय
Advertisement
trendingNow1497891

सुप्रीम कोर्ट ने अल्पसंख्यक की परिभाषा और नियम तय करने के लिए 90 दिन का दिया समय

याचिकाकर्ता का कहना है कि इन सभी राज्यों में मुस्लिम असल में बहुसंख्यक होने के बावजूद सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों के दर्जे का लाभ उठा रहे हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः राज्यवार अल्पसंख्यक की परिभाषा और उनकी पहचान के दिशा निर्देश तय करने की मांग वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग से कहा है कि वह याचिकाकर्ता बीजेपी नेता अश्विनि उपाध्याय की इस मांग पर तीन महीने के अंदर फैसला लें. याचिकाकर्ता ने 17.11.17 को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग को अपना ज्ञापन दिया था. याचिका में दावा किया गया है कि कई राज्यों में हिंदू धर्म के लोग संख्या के अनुपात में अल्पसंख्यक है. लेकिन सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यक का लाभ वहां उनसे कहीं बडी संख्या में मौजूद मुस्लिम ले रहे है.  

इस याचिका में जिन राज्यों का हवाला दिया गया है, उनमें लक्ष्यद्वीप (मुस्लिम आबादी 96.20 फीसदी), जम्मू कश्मीर (मुस्लिम आबादी 68.30 फीसदी) ,असम ( मुस्लिम आबादी 34.20 फीसदी), पश्चिम बंगाल( मुस्लिम आबादी27.5 फीसदी), केरल (26.60 फीसदी), UP (19.30 फीसदी) और  बिहार  (18 फीसदी) शामिल है.

याचिकाकर्ता का कहना है कि इन सभी राज्यों में मुस्लिम असल में बहुसंख्यक होने के बावजूद सरकारी योजनाओं में अल्पसंख्यकों के दर्जे का लाभ उठा रहे हैं जबकि जो वास्तव में अल्पसंख्यक हैं उन्हें  इसका लाभ नहीं मिल रहा है.

गौरतलब है कि, याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि 23 अक्टूबर 1993 में नोटिफिकेशन जारी कर मुस्लिम समेत अन्य समुदाय के लोगों को अल्पसंख्यकों का दर्जा दिया गया था. उपाध्याय ने 2011 के जनगणना के आंकड़ों का हवाले देते हुए कहा था कि लक्षद्वीप, जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, नागालैंड, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और पंजाब में हिंदू अल्पसंख्यक हैं, लेकिन उन्हें इन राज्यों में यह दर्जा अभी तक नहीं मिला है. उन्होंने मांग की थी कि इन राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यकों को मिलने वाले अधिकार भी दिए जाएं. 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news