Corona को काबू करने के लिए Supreme Court भी Lockdown के पक्ष में, केंद्र और राज्यों से विचार करने को कहा
Advertisement
trendingNow1894219

Corona को काबू करने के लिए Supreme Court भी Lockdown के पक्ष में, केंद्र और राज्यों से विचार करने को कहा

अदालत ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि लॉकडाउन का गरीबों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है. इसलिए यदि लॉकडाउन लगाए जाने की आवश्यकता है, तो सरकार को गरीबों की जरूरतों को पूरा करने की व्यवस्था पहले करनी चाहिए.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: देश में कोरोना (Coronavirus) से बिगड़ते हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लॉकडाउन (Lockdown) लगाने की बात कही है. कोर्ट ने कहा है कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को ध्यान में रखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें लॉकडाउन पर विचार कर सकती हैं. बता दें कि कई राज्यों ने कोरोना कर्फ्यू (Corona Curfew) लगाया हुआ है, लेकिन इसके बावजूद संक्रमण (Infection) की रफ्तार थमने का नाम नहीं ले रही है.

  1. देश में कोरोना के बढ़ते मामलों से सुप्रीम कोर्ट चिंतित
  2. सरकारी उपायों के बावजूद नहीं सुधर रहे हैं हालात
  3. कई राज्यों ने लगाया है कोरोना कर्फ्यू 

Super-Spreader Events पर लगे रोक 
सुप्रीम कोर्ट ने रविवार रात सुनवाई करते हुए यह भी कहा कि हम केंद्र और राज्य सरकारों से सामूहिक समारोहों और सुपर स्प्रेडर कार्यक्रमों पर रोक लगाने पर विचार करने का आग्रह करेंगे. शीर्ष अदालत ने सरकारों से कहा है कि वे लोक कल्याण के हित में कोरोना (Coronavirus) की दूसरी लहर पर अंकुश लगाने के लिए लॉकडाउन पर विचार कर सकते हैं.

‘गरीबों का रखा जाना चाहिए ध्यान’

अदालत ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि वह लॉकडाउन के सामाजिक-आर्थिक प्रभाव से परिचित है, खासतौर पर गरीबों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ता है. इसलिए यदि लॉकडाउन लगाए जाने की आवश्यकता है, तो सरकार को गरीबों की जरूरतों को पूरा करने की व्यवस्था पहले करनी चाहिए.

VIDEO

ये भी पढ़ें -Oxygen की किल्लत पर Supreme Court ने लिया स्वत: संज्ञान, केंद्र को जल्द से जल्द हालात ठीक करने के निर्देश

Experts भी Lockdown चाहते हैं

देश में इस बार पिछले साल से ज्यादा हालात खराब हैं. कोरोना की पहली लहर के वक्त पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था, लेकिन अब जब स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है लॉकडाउन के बारे में कोई विचार नहीं कर रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा था कि लॉकडाउन सबसे आखिरी विकल्प होना चाहिए. जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए लॉकडाउन जरूरी है. 

Dr Guleria ने दिया ये सुझाव

हाल ही में बेकाबू कोरोना पर काबू पाने के लिए एम्स (AIIMS) के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया (Dr Randeep Guleria) ने भी सख्त लॉकडाउन लगाने की बात कही थी. डॉ. गुलेरिया ने कहा था कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर को हराने के लिए सख्त लॉकडाउन की जरूरत है, जैसा कि पिछले साल मार्च में लगाया गया था. उन्होंने कहा कि जहां भी संक्रमण दर 10% से अधिक है वहां स्थानीय स्तर पर पिछले वर्ष की तरह लॉकडाउन किया जाना चाहिए.  

 

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news