कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित किए गए PM Cares Fund ट्रस्ट की वैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी से लड़ने के लिए केंद्र सरकार की ओर से गठित किए गए PM Cares Fund ट्रस्ट की वैधानिकता पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार (18 अगस्त) को अपना फैसला सुनाएगा. सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 17 जून को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस याचिका में PM Cares Fund में जमा हुए पैसे को राष्ट्रीय आपदा राहत कोष NDRF फंड में ट्रांसफर करने की मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट में हुई पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने यह फंड बनाए जाने का बचाव किया था. सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर केंद्र सरकार ने कहा कि पीएम केयर फंड बनाने पर रोक नहीं है. राष्ट्रीय या राज्य आपदा के समय पीएम केयर फंड दूसरे फंड पर रोक नहीं लगाते हैं. लोग इस फंड में स्वेच्छा से दान दे सकते हैं. इसलिए सारा पैसा NDRF में ट्रांसफर करने की मांग सुनवाई योग्य नहीं है. केंद्र सरकार ने इस मामले में दायर जनहित याचिका ख़ारिज करने की मांग की.
वहीं CPIL की ओर से मामले की पैरवी करते हुए वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने केंद्र सरकार पर कई अनियमितताओं के आरोप लगाए. प्रशांत भूषण ने कहा कि केंद्र सरकार को डीएमए के अनुसार कोविड -19 को शामिल करने के लिए एक राष्ट्रीय योजना तैयार करनी चाहिए. इस योजना में केंद्र को राहत के लिए न्यूनतम मानक जारी करने चाहिए. पीएम केयर फंड की सभी रसीदें सीएजी की ओर से ऑडिट कर इसकी जानकारी सार्वजनिक होनी चाहिए. जिस धनराशि का खुलासा नहीं किया गया है. उन सभी को NDRF कोष में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.
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