आज सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Rajput) की मौत को 112 दिन हो चुके हैं. सुशांत सिंह की मौत पर देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान एम्स (AIIMS) की रिपोर्ट सामने आई है.
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मुंबई: आज सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Rajput) की मौत को 112 दिन हो चुके हैं. सुशांत सिंह की मौत पर देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान एम्स (AIIMS) की रिपोर्ट सामने आई है. सूत्रों के मुताबिक एम्स की रिपोर्ट में सुशांत की हत्या किए जाने की बात खारिज़ हो गई है.
एम्स की रिपोर्ट से मुंबई पुलिस उत्साहित
रिपोर्ट में सुशांत के मर्डर नहीं आत्महत्या का जिक्र है. CBI जांच से पहले सुशांत सिंह केस की जांच मुंबई पुलिस कर रही थी. एम्स की रिपोर्ट सामने आने के बाद अब मुंबई पुलिस भी कह रही है कि सुशांत सिंह की मौत की जांच की दिशा सही थी. मुंबई पुलिस कमिश्नर (Mumbai Police Commissioner) परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने एम्स की रिपोर्ट आने के बाद इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है.
मुंबई पुलिस की जांच सही थी: पुलिस कमिश्नर
परमबीर सिंह ने कहा कि हमारी जांच सही थी. हमारे जांच करने वाले सब इंस्पेक्टर की ओर से तैयार की गई उस रिपोर्ट काे पुलिस के तमाम अधिकारियों ने क्रॉस चेक किया. फिर उसे राज्य के एडवोकेट जनरल को दिखाया गया. उसके बाद उस सीलबंद जांच रिपोर्ट को कोर्ट में सबमिट किया गया. अदालत ने भी हमारी जांच पर संतुष्टि जताई. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में लिखा कि मुंबई पुलिस की जांच में कोई त्रुटि या लापरवाही नहीं मिली.
देखें वीडियो- मुंबई पुलिस कमिश्ननर ने अपनी जांच को सही बताया
बिना रिपोर्ट देखे लोगों ने आलोचना शुरू की
लेकिन इसके बाद अलग-अलग लोग आकर अलग- अलग चैनल पर आकर हमारी जांच रिपोर्ट की आलोचना करने लगे. ऐसे ही एक चैनल पर हमारी जांच की आलोचना करने वाले एक वरिष्ठ वकील से उन्होंने बाद में पूछा कि क्या वे जानते हैं कि मुंबई पुलिस की जांच रिपोर्ट क्या थी तो उन्होंने इनकार कर दिया. जब उन्होंने सवाल किया कि फिर उन्होंने उनकी रिपोर्ट की आलोचना कैसे कर दी तो वे बोले कि जैसा एंकर ने उन्हें रिपोर्ट के बारे में बताया था. उन्होंने उसी को सच मानकर चैनल पर टिप्पणी की थी.
8-10 लोगों को छोड़कर बाकी को रिपोर्ट के बारे में नहीं पता
उन्होंने कहा कि हमारी जांच रिपोर्ट की आलोचना करने वालों से वे पूछना चाहते हैं कि क्या वे हमारी जांच रिपोर्ट को जानते हैं. सच्चाई तो ये है कि 8-10 लोगों के अलावा बाकी लोगों को हमारी इस रिपोर्ट के बारे में कुछ पता ही नहीं है. इसके बावजूद वे मुंबई पुलिस पर आरोप लगाने से बाज नहीं आते.
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सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई पुलिस की जांच पर रोक नहीं लगाई
परमबीर सिंह ने कहा कि हमारी जांच सही दिशा में थी. इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी स्वीकार किया. यही वजह थी कि सुप्रीम कोर्ट ने बिहार पुलिस की जांच तो सीबीआई को हैंडओवर कर दी लेकिन हमारी जांच सीबीआई को हैंडओवर नहीं किया. इसके चलते हमारी जांच भी समानांतर चलती रही. अब जबकि एम्स ने हमारी जांच रिपोर्ट के सही होने की पुष्टि कर दी है तो हमें उम्मीद है कि सीबीआई की जांच रिपोर्ट भी हमसे अलग नहीं होगी.
संदिग्ध मौतों की जांच में लगता है समय
उन्होंने स्पष्ट किया कि इस केस की जांच में मुंबई पुलिस ने कोई देरी नहीं की. इस तरह की संदिग्ध मौत के मामलों में 3 से लेकर 6 महीनों तक का वक्त लगता ही है. इस साल बांद्रा पुलिस स्टेशन में ही 100 से ज्यादा संदिग्ध मौत के मामले दर्ज हुए हैं. लेकिन उनमें से अब तक करीब 20 मामलों की जांच ही अंजाम तक पहुंच पाई है. बाकी मामलों की जांच अब भी पैंडिंग है.
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